देश के 91 प्रमुख जलाशयों की जल संग्रहण क्षमता में 2 प्रतिशत वृद्धि
नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| देश के 91 प्रमुख जलाशयों में गुरुवार को समाप्त सप्ताह के दौरान 96.952 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलशायों की कुल संग्रहण क्षमता का 61 प्रतिशत है।
पिछले सप्ताह 14 सिंतबर को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 59 प्रतिशत था। 21 सितम्बर का संग्रहण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 88 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षो के औसत जल संग्रहण का 82 प्रतिशत रहा।
इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।
उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान आते हैं। इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्यूसी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 15.10 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 84 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 78 प्रतिशत थी।
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 12.00 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 64 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 80 प्रतिशत थी।
पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्र आते हैं। इस क्षेत्र में सीडब्ल्यूसी की निगरानी में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 19.97 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 74 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 77 प्रतिशत थी।
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 25.66 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 61 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 88 प्रतिशत थी।
दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना (टीजी), एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 24.23 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 47 प्रतिशत है।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है उनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। उत्तराखंड में भंडारण की स्थिति गत वर्ष के बराबर रहीं। पिछले वर्ष की इसी अवधि के लिए पिछले साल की तुलना में कम संग्रहण करने वाले राज्यों में राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो मिश्रित परियोजनाएं), आंध्रप्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं।