महिला क्रिकेट का प्रसारण लगातार होना चाहिए : हरमनप्रीत
मैसूर, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय महिला क्रिकेट टीम की हरफनमौला खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर का कहना है कि अगर महिला क्रिकेट को भी पुरुष क्रिकेट मैचों के समान प्रसारण और मीडिया कवरेज मिलता है, तो लोग जान पाएंगे कि लड़कियां क्या कर सकती हैं। यह सब जानते हैं कि देश में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का जुनून लोगों में किस कदर मौजूद है। लोग काम से छुट्टी लेकर मैच देखते हैं लेकिन महिला क्रिकेट के प्रति इस जुनून में बड़ी कमी है।
मैसूर फैशन वीक-2017 में हिस्सा लेने यहां पहुंचीं हरमनप्रीत ने कहा, विश्व कप के बाद चीजों में काफी बदलाव आया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि महिला विश्व कप के अधिकतर मैचों का भारत में प्रसारण किया गया था। अगर टेलीविजन में इसी प्रकार महिला क्रिकेट मैचों का प्रसारण हुआ, तो मुझे लगता है कि लोग जान पाएंगे कि हम क्या कर रहे हैं।
हरमनप्रीत ने कहा, विश्व कप से पहले, हमने कई टूर्नामेंट जीते, लेकिन उन मैचों को प्रसारित नहीं किया गया। इस कारण, हमारी उपलब्धियों की खबर किसी को नहीं लगी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान हरमनप्रीत ने कहा, विश्व कप जीतने के बाद कई लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं आईपीएल और बीबीएल में कब नजर आऊंगी। अब लोगों महिला क्रिकेट को देखना चाहते हैं और यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।
इंग्लैंड में इस साल आयोजित महिला विश्व कप में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर रही थी। उसे फाइनल मैच में मेजबान टीम ने नौ रनों से हराया था। इसके एक माह बाद आयोजित आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय पुरुष टीम को पाकिस्तान ने फाइनल में 180 रनों की करारी शिकस्त दी थी।
हाल ही में हुए बदलावों के बारे में हरमनप्रीत ने कहा कि किसी भी मैच में जीतने के लिए एक खिलाड़ी की फिटनेस बहुत मायने रखती है। इसे पहले नजरअंदाज किया जाता था। हालांकि, पिछले दो साल में महिला टीम काफी सचेत हो गई है।
विश्व कप के बाद महिला क्रिकेट टीम की ओर प्रशासन के नजरिए में आए बदलाव के बारे में हरमनप्रीत ने कहा, हमें अब पुरुष कोच मिल रहे हैं। मुझे लगता है कि पुरुष कोचों के पास काफी अनुभव है। इससे टीम का भी आत्मविश्वास और अनुभव बढ़ेगा। मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अब हमारे लिए कई कदम उठा रहा है, जिससे हमारे खेल में सुधार होगा।
हरमनप्रीत ने आशा जताई है कि अब महिला क्रिकेट टीम के लिए बल्लेबाजी और फील्डिंग कोच की जरूरत पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।