जेटली ने अर्थव्यवस्था पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में अर्थव्यवस्था पर उच्चस्तरीय बैठक मंगलवार शाम तक जारी थी।
बैठक में आर्थिक सुस्ती के बीच उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की जाएगी। इन कदमों में किसी संभावित प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा शामिल हो सकती है। बैठक में अन्य लोगों के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम, वित्त मंत्रालय के सचिव अशोक लवासा, सुभाष चंद्र गर्ग, हसमुख अधिया, राजीव कुमार और नीरज कुमार गुप्ता हिस्सा ले रहे हैं।
पहले यह समीक्षा बैठक प्रधानमंत्री के साथ होनी थी।
पिछले हफ्ते मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने मोदी से मिलकर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की थी।
नोटबंदी के बाद विकास दर को लगा झटका, उसके बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत ढलने में परेशानी और ढुलमुल निजी निवेश से अर्थव्यवस्था की बुरी हालत को देखते हुए सरकार द्वारा कुछ वित्तीय प्रोत्साहन देने की बात कही जा रही है।
विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती के कारण चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की दर घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई है, जो साल 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के बाद की सबसे कम दर है।
मुख्य सांख्यिकीविद् टी.सी.ए. अनंत ने कहा है कि पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5.7 फीसदी पर इसलिए आई है, क्योंकि कंपनियों ने एक जुलाई को जीएसटी लागू होने से पहले सभी स्टॉक को खाली कर दिया था।
रपटों में कहा गया है कि सरकार निर्यात को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए लघु और मध्यम अवधि दोनों तरह के उपायों पर विचार कर रही है, जो कि 2018-19 के केंद्रीय बजट में पेश किए जाने की संभावना है। हालांकि, इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सरकार बैंकों और कॉरपोरेट की दोहरी बैलेंस शीट परिश्य में सुधार के लिए कुछ गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) या फंसे हुए कर्जो के मामलों को हल करने पर भी विचार कर सकती है।