सचिन तेंदुलकर के 120 साल पुराने मकान पर अब चलेगा बुलडोजर
मसूरी। मसूरी स्थित मास्टर ब्लास्टर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का 120 साल पुराना ‘मकान’ तोड़े जाने की कगार पर आ पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में सचिन के दोस्त और बिजनेस पार्टनर संजय नारंग की हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर विशेष याचिका खारिज हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण को 12 दिन के भीतर खुद हटाने को कहा है। निर्माण न हटाए जाने पर कैंट बोर्ड आशियाना के भीतर हुआ अवैध निर्माण तोड़वा देगा। इसके लिए कैंट बोर्ड ने 20 सितंबर को बोर्ड की बैठक भी बुलाई है।
मसूरी निवासी संजय नारंग ने वर्ष 2008 में आरएल दुग्गल से ढहलिया बैंक हाउस खरीदा था। यह संपत्ति कैंट बोर्ड के अधीन आती है और सिस्टर बाजार के निकट स्थित है। हालांकि इसे खरीदने से पहले केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली गई।
इस कारण जमीन का दाखिल खारिज नहीं किया जा सका। नारंग ने लंढौर कैंट बोर्ड से वर्ष 2009 में भवन में मरम्मत और अन्य सुधार की अनुमति मांगी। बाद में मामले में सिविल वाद दायर हुआ, जिसमें नारंग हार गए।
मामले में कैंट बोर्ड ने 2014 में संबंधित भूमि पर कराए गए नवनिर्माण को ध्वस्त कराने का आदेश दे दिया। कैंट प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद मुंबई के उद्योगपति संजय नारंग ने मामले में हाईकोर्ट में विशेष अपील दायर की थी।
याचिका में बताया गया था कि कैंट बोर्ड मसूरी ने उनके डहलिया बैंक हाउस परिसर में मरम्मत व अन्य निर्माण कार्य के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है। याचिका में कहा गया था कि पुनर्निर्माण कार्य कैंट बोर्ड से मिली अनुमति के बाद किया गया था। इसके बाद कैंट प्रशासन की ओर से इसके ध्वस्तीकरण का आदेश नियम के खिलाफ है।
उनका कहना था कि ध्वस्तीकरण के आदेश के पहले उन्हें नियमानुसार कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। नवंबर 2016 में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
पांच सितंबर 2017 को संयुक्त खंडपीठ ने भी सुनवाई के बाद दोबारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। संयुक्त खंडपीठ ने कैंट प्रशासन का अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश को सही ठहराया था, जबकि यहां बनाए गए पूल व तालाब के मामले में कैंट प्रशासन को दोबारा सुनवाई करने के आदेश दिए। एक बार फि र उद्योगपति संजय नारंग ने मामले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नारंग की विशेष याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही संजय नारंग को 12 दिन के भीतर अवैध निर्माण खुद हटाने को कहा है। अगर नहीं हटाया तो इसके बाद कैंट बोर्ड इसे
तोड़ देगा।
कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 12 दिन के भीतर अवैध निर्माण खुद न हटाने पर कैंट बोर्ड इसे तोड़ने की कार्रवाई करेगा।
इसके लिए 20 सितंबर को बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। आपको बता दें कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का यह पसंदीदा आशियाना है। वह जब भी मसूरी आते है, परिवार सहित यहीं ठहरते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के खिलाफ उद्योगपति संजय नारंग द्वारा दायर याचिका खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिन के भीतर याची को घर खाली करने का आदेश दिया है। कैंट बोर्ड मामले में 20 सितंबर को बैठक कर ध्वस्तीकरण के आदेश की संस्तुति करेगा।