डूसू चुनाव : अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई का कब्जा
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के बुधवार को आए नतीजों में कांग्रेस संबद्ध छात्रा संघ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली है, जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एबीवीपी ने सचिव व संयुक्त सचिव पदों पर कब्जा जमाया है।
अधिकारियों ने पहले कहा था कि एनएसयूआई की झोली में तीन सीटें गई हैं।
एनएसयूआई के रॉकी तुसीद डूसू के नए अध्यक्ष व कुनाल सेहरावत उपाध्यक्ष चुने गए हैं।
एबीवीपी की महामेधा नागर व उमा शंकर ने क्रमश: सचिव व संयुक्त सचिव पदों पर जीत हासिल की है।
एनएसयूआई ने संयुक्त सचिव पद के वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है। उनका दावा है कि उनका उम्मीदवार जीता था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एनएसयूआई को बधाई दी और छात्रों का पार्टी में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद किया।
उन्होंने ट्वीट किया, एनएसयूआई को शानदार प्रदर्शन एवं डूसू अध्यक्ष पद की जीत के लिए बधाई। मैं डीयू के छात्रों को कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देता हूं।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, एनएसयूआई की शानदार जीत मोदी के अच्छे दिन के झूठे वादों को अस्वीकार किया जाना है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, डूसू में एनएसयूआई के शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई। परिसर में उदारवादी मूल्यों की जीत हुई। आप पर गर्व है।
वरिष्ठ वकील व स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण ने भी एबीवीपी के बदमाशों को हटाने के लिए डूसू को बधाई दी।
तुसीद ने 16,299 वोट हासिल करके एबीवीपी के रजत चौधरी को 1,590 वोटों से हराया है। वहीं, सेहरावत 16,431 वोट प्राप्त कर पार्थ राणा को केवल 175 वोटों से मात देने में कामयाब रहे। नागर को 17,156 वोट मिले हैं। उन्होंने 2, 264 वोटों से जीत हासिल की, जबकि शंकर ने 16,691 वोट हासिल करके अपने प्रतिद्वंद्वी को 342 वोटों से मात दी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस.बी. बब्बर ने कहा कि गिनती में कोई चूक नहीं हुई है, डीयू एकमात्र विश्वविद्यालय है जो ईवीएम का इस्तेमाल करता है।
अपने जीत के कम अंतर के बारे में पूछे जाने पर उपाध्यक्ष सेहरावत ने आईएएनएस से कहा, जीत जीत होती है। जीत के अंतर से कोई फर्क नहीं पड़ता।
एनएसयूआई ने संयुक्त सचिव पद के लिए वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
डूसू के चुनाव मंगलवार को हुए थे।
नतीजों को एबीवीपी के पतन के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि संयुक्त सचिव के पद पर एनएसयूआई ने कब्जा जमाया था।