अनुराग कश्यप की ‘द ब्रावलर’ का टोरंटो महोत्सव में प्रीमियर
टोरंटो, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| अनुराग कश्यप की फिल्म ‘द ब्रावलर’ (मुक्केबाज) का टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रीमियर हुआ।
इस फिल्म की कहानी एक नीची जाति के मुक्केबाज के संघर्ष के इर्द गिर्द घूमती है जो गौ-रक्षा के नाम पर राज्य के अंदर फैले घमासान के दौरान अपने चरम पर पहुंचती है।
बड़े पर्दे पर कहानी के खुलासा करती ,’द ब्रावलर’ भारत में आज के समय में गौ रक्षा के नाम पर देश में जो कुछ हो रहा है, उसके बारे में एक क्रूर टिप्पणी और क्रोध वाले श्यों को दर्शाती है।
कश्यप ने मंगलवार को फिल्म की शुरुआत के बाद कहा, हमारा देश विश्व में दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है लेकिन खेल के क्षेत्र में हम काफी कुछ नहीं कर रहे है।
कश्यप ने भारतीय खेल प्रणाली में भ्रष्टाचार का संकेत देते हुए कहा कि जैसा बॉक्सिंग के बारे में फिल्मों में दिखाया जाता है वैसा भारत में है ही नहीं।
कुल मिलाकर, ‘द ब्रावलर’ एक प्रेमप्रसंग की कहानी है जिसमें नायक श्रवण (विनित कुमार सिंह ) को हर कदम पर नई कठनाइयों का सामना करना पड़ता है।
फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है कि श्रवण एकत नीची जाति का लड़का है जो ब्राह्मण मालिक भगवान दास मिश्रा (जिमी शेरगिल) की जिम में अपने कौशल को निखारने का प्रयास कर रहा है। भगवान दास एक स्थानीय डॉन और मुक्केबाजी प्रमोटर है जो मुक्केबाजों का अपना नौकर मानता है और उनसे काम करवाता है।
एक दिन, श्रवण को मिश्रा की भतीजी सुनैना (जोया हुसैन) जो कि बोल नहीं सकती उसे देखते ही पहली नजर में प्यार हो जाता है।
सुनैना, जो सुन सकती हैं, सोशल मीडिया का उपयोग करना बहुत अच्छे तरीके से जानती है और उसका प्रयोग संवाद करने के लिए प्रभावी ढंग से करती है। जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है दोनों के प्यार के बीच में कठनाइयां बढ़ती जाती है।
फिल्म में आज के परिवेश में हो रही गौ-रक्षा के नाम पर तमाम घटनाओं को भी दृश्य के माध्यम से दिखाया गया है। एक दृश्य में मिश्रा जो जाति से ब्राहमण है बकरी के मांस को वितरित कर उसे बीफ बताकर अफवाह फैलाता है और लोगों को श्रवण के खिलाफ भड़काता है।
कुल मिलाकर दो घंटे की इस फिल्म में कश्यप ने ना तो कोई राजनीतिक पेंच रखा है और ना ही तड़क- भड़क वाले गाने।