बैंक अगले 5 से 10 वर्षो में होंगे मजबूत : शाह
नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि अगले पांच से दस वर्षो के दौरान गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के मद्देनजर सार्वजनिक सेक्टर के बैंकों के बैलेंस सीट में सुधार करने से बैंकिंग क्षेत्र में नई मजबूती आएगी।
शाह ने उद्योग मंडल फिक्की के संवादात्मक सत्र में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अधिक मात्रा में एनपीए एक सच्चाई है और इसे आंकड़ों की बाजीगरी कर छुपाने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी एनपीए को रिकार्डबद्ध किया गया है और इसमें हालांकि तत्कालिक कुछ समस्या आई है लेकिन सरकार इससे संबद्ध सभी राज्यों, उद्योगों एवं बैंकों से संपर्क कर इसका समाधान निकाल लेगी।
शाह ने कहा, यह एक बड़ा कदम है कि हमने बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने का निर्णय लिया है। हमने सभी खतरों को भांपते हुए यह निर्णय लिया है। अगले पांच से दस वर्षो में बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने का फैसला एक बड़ा निर्णय है।
कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा इस मामले में भाजपा पर आरोप लगाया जाता है लेकिन सभी एनपीए खाते संप्रग गठबंधन सरकार के कार्यकाल में खोले गए थे।
शाह ने पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि संप्रग सरकार के दस वर्षो के कार्यकाल के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 10 से घटकर 4.7 हो गई, राजकोषीय घाटा बढ़कर पांच प्रतिशत हो गया, मुद्रास्फीति बढ़कर दो अंकों में पहुंच गया और राष्ट्र ने सिलसिलेवार भ्रष्ट्राचार देखे।
उन्होंने कहा कि उन दस सालों में भारत की वृद्धि रुक गई थी। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने इस स्थिति को बदलने की पूरी कोशिश की है और इस बार आए जीडीपी के आंकड़ों को अगर छोड़ दें तो सरकार के प्रयासों से 7.1 प्रतिशत तक जीडीपी हो गई।
उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून के 5.7 प्रतिशत के जीडीपी आंकड़ों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और अर्थव्यवस्था में यह ठहराव लंबे समय के फायदे के लिए हुआ है।
उन्होंने कहा कि बीते तीन वर्षो में कुल प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या दोगुनी हो गई है। यह 3.7 करोड़ से बढ़कर 6.4 करोड़ हो गई है।
शाह ने कहा, हमने देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में बहुत मेहनत की है और नोटबंदी इसका उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि अवध ठहराई गई धनराशि को देश की आर्थिक वृद्धि के लिए लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार जनधन योजना से लोगों को जोड़कर 59000 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में बचाने में सफल रही है।
जीएसटी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पहले कर नियमों के अनुसार देश में असंतुलित विकास हो रहा था। अब आने वाले दशकों और उसके बाद देश में जीएसटी से एकसमान वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, हमने वोट बैंक के लिए नीतिगत फैसले नहीं लिए हैं। इसकी वजह से हमें राजनीतिक नुकसान हो सकता था।
नरेंद्र मोदी सरकार ऐसे फैसले नहीं लेती जो लोगों को अच्छे दिखते हैं बल्कि ऐसे फैसले लेने में विश्वास करती है, जो लोगों के लिए अच्छे होते हैं।
शाह ने यह भी कहा कि आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता जरूरी है।
उन्होंने कहा, बीते 30 वर्षो में पहली बार बहुमत वाली पार्टी सत्ता में आई है और देश के लोगों ने इस बदलाव में निर्णायक भूमिका निभाई है।