सीरिया सरकार ने इस साल 4 बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया : संयुक्त राष्ट्र
जिनेवा, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| सीरियाई शासन ने इस वर्ष कम से कम चार मौकों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इनमें अप्रैल में सरीन गैस से किया गया हमला भी शामिल है जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बुधवार को सीरिया के संघर्ष में हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच आयोग (आईआईसीआई) ने कहा कि सीरिया में हुई हिंसा में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय और मानव अधिकार कानूनों का उल्लंघन हुआ जिसके मुख्य निशाने पर आम नागरिक रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बलों ने विरोधियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में नागरिकों के खिलाफ लगातार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि साक्षात्कारों और शुरुआती चेतावनी रिपोटरें से यह पता चलता है कि एक सुखोई 22 (एसयू-22) विमान ने 4 अप्रैल को विपक्षी ठिकाने वाले खान शेखोन पर चार हवाई हमलों को अंजाम दिया था।
आईआईसीआई ने कहा कि इस प्रकार के विमानों को केवल सीरियाई सेना उड़ाती है। इन विमानों का उपयोग तीन बम हमलों और एक रासायनिक हमले में किया गया था जिसमें 28 बच्चों सहित कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई थी और 293 अन्य घायल हुए थे।
रिपोर्ट में कहा गया, रासायनिक हथियारों के निषेध के लिए संगठन के तथ्य-खोज अभियान को चलाने वाले लोगों ने पोस्टमार्टम के दौरान प्राप्त नमूनों और पड़ोसी देश में उपचार के दौर से गुजर रहे व्यक्तियों के आधार पर यह बताया कि पीड़ितों सरीन या सरीन जैसे चीज के चपेट में आए थे।
जांचकर्ता क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में इस्तेमाल किए गए बम के टुकड़ों को ढूंढने में सक्षम रहे लेकिन आईआईसीआई ने कहा कि वह यह निर्धारित करने में असमर्थ है कि किस प्रकार के हथियार का उपयोग किया गया था, लेकिन रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि इन हथियारों के कुछ भाग पूर्व सोवियत संघ द्वारा उत्पादित सरीन गैस बम जैसे थे।
दस्तावेज में सीरियाई सशस्त्र बलों द्वारा मार्च और जुलाई के बीच तीन अन्य रासायनिक हमलों की ओर भी इशारा किया गया है जिनमें से कई में क्लोरीन गैस के उपयोग किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि खान शेखोन पर किए गए हमले को आयोग द्वारा इस रूप में समझा गया है कि ‘रासायनिक हथियारों का उपयोग करके युद्ध अपराधों और एक नागरिक निवास क्षेत्र में अंधाधुंध हमलों को अंजाम दिया गया।’
इसका यह भी मतलब है कि सीरिया ने रासायनिक हथियारों पर रोक की कई अंतर्राष्ट्रीय संधियों और 2013 में पारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 2118 का उल्लंघन किया जिसने विभिन्न देशों को अपने सारे रासायनिक हथियारों को नष्ट करने के लिए 2014 के मध्य तक का समय दिया गया था।