1993 मुंबई धमाके : आज होगा अबू सलेम के गुनाहों का फैसला
मुंबई। 1993 में मुंबई बम धमाकों के मामले की सुनवाई कर रही टाडा अदालत अबू सलेम समेत 5 अन्य को गुरुवार (7 सितंबर) को सजा सुनाएगी। अदालत ने ताहिर मर्चेंट, फिरोज अब्दुल राशिद खान, करीमुल्लाह, अबू सलेम, रियाज़ सिद्दीक़ी और मुस्तफ़ा दोसा को दोषी पाया था। सलेम को कोर्ट ने आपराधिक साजिश में शामिल होने का दोषी पाया था। कोर्ट ने उन्हें ‘आतंकवाद संबंधित गतिविधियों’ का भी दोषी पाया था।
दोषी मुस्तफा दोसा की इसी साल जून में कोर्ट का फैसला आने के बाद हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। मुस्तफा दोसा को साल 2004 में यूएई से अरेस्ट किया गया था।
बता दें कि इसी साल 16 जून को धमाकों के 24 साल बाद अबू सलेम समेत मुस्तफा दोसा, फिरोज खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्ला शेख और रियाज सिद्दीकी को टाडा कोर्ट ने दोषी करार दिया गया था। जबकि अब्दुल कय्यूम को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था। सीबीआई ने पांच दोषियों में से तीन को मृत्युदंड और अबू सलेम सहित दो को उम्रकैद की सजा देने की मांग की है।
अबू सलेम को गुजरात से मुंबई तक 9 AK-56 राइफलें, 100 हैंड ग्रेनेड और गोलियां लाने का दोषी माना गया था। साल 2005 में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में भारत के मोस्ट वॉन्टेड अबु सलेम और बॉलीवुड एक्ट्रेस मोनिका बेदी को अरेस्ट किया गया था।
अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाया गया था। पुर्तगाल के साथ हुई संधि में कोर्ट सलेम को फांसी की सजा नहीं दे सकती है।
इससे पहले 2007 में हुई सुनवाई के पहले फेज में टाडा कोर्ट ने याकूब मेमन और बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त समेत 100 लोगों को दोषी ठहराया था, जबकि 23 लोग बरी हुए थे। अवैध हथियार मामले में संजय अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। इन ब्लास्ट्स के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहम को गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
30 जुलाई, 2015 को मुंबई ब्लास्ट केस में याकूब मेमन को फांसी हुई थी। 2015 में टाडा कोर्ट के सामने सलेम ने अपने बयान में इस बात से इनकार किया था कि उसने संजय दत्त को हथियार मुहैया कराए थे। इन ब्लास्ट्स के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहम को अरेस्ट नहीं किया जा सका।
12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बताया जाता है कि धमाकों में 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी। इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था।