वीरेंद्र कुमार की सादगी के सभी कायल
भोपाल, 3 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से नजदीकी और संगठन के प्रति समर्पण ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह दिलाई है।
सहजता और सादगी उनकी खासियत है। वह भले ही छठी बार सांसद बने हैं, लेकिन उनके अंदाज में कोई बदलाव नहीं आया है।
वीरेंद्र कुमार दलित वर्ग से हैं। लेकिन उन्होंने खुद को दलित नेता के तौर पर स्थापित नहीं किया है। वह छठी बार सांसद बने हैं। चार बार सागर संसदीय क्षेत्र से, और परिसीमन के बाद सागर संसदीय क्षेत्र के सामान्य सीट हा जाने के बाद वह दो बार टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए।
वीरेंद्र कुमार उच्च शिक्षित हैं। वह अर्थशास्त्र में एमए हैं, तो बाल श्रम पर उन्होंने पीएचडी की है। यही कारण है कि कई बार श्रमिक और उनके कल्याण से संबंधित संसदीय समितियों में उन्हें बतौर सदस्य शामिल किया गया।
सागर में 27 फरवरी, 1954 को जन्मे वीरेंद्र कुमार बचपन से ही संघ से जुड़े रहे हैं। उनकी राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सागर जिले के संयोजक के रूप में हुई। इसके बाद वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो), बजरंग दल, फिर भाजपा के विभिन्न पदों पर रहे, फिर सांसद बने और लगातार छह बार उन्होंने संसदीय चुनाव जीता है।
वीरेंद्र कुमार की सादगी और सहजता का उनके संसदीय क्षेत्र का लगभग हर व्यक्ति कायल है। मंत्री बनने से पहले अपने रहन-सहन को लेकर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह जब पहली बार सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे थे, जैसा कुर्ता पाजामा पहनते थे, आज भी वैसे ही पहनते हैं।
उन्हें जानने वाले बताते हैं कि वीरेंद्र कुमार का किसी गुट से कभी नाता नहीं रहा। उनके पिता अमर सिंह भी संघ के सक्रिय सदस्य रहे हैं। स्कूटर उनकी सवारी है तो उनके पिता ने पंचर की दुकान चलाकर अपना जीवनयापन किया था।
उनकी सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह एक चुनाव प्रचार के लिए निकले थे, और सड़क किनारे एक बच्चे को साइकिल का पंचर बनाते देखा, तो उन्हें लगा कि बच्चा अपने हुनर में माहिर नहीं है तो वह वहीं रुक गए और उस बच्चे को पंचर बनाना सिखाने लगे।
वीरेंद्र ने कभी भी अपने को दलित नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश नहीं की। पार्टी ने उन्हें उनकी निष्ठा और समर्पण के लिए मंत्री पद देकर पुरस्कृत किया है।