आज 5 घंटे के लिए बंद रहेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, जानें क्यों
बदरीनाथ। उत्तराखंड स्थित बदरीनाथ धाम से 3 किलोमीटर दूर चीन सीमा से सटा अंतिम गांव है माणा। यहां हर साल भाद्रपद शुक्ल द्वादशी जिसे वामन द्वादशी भी कहते हैं, इस दिन भगवान बदरी विशाल अपनी मां मूर्ति से मिलने जाते हैं।
बदरी विशाल के माता से मिलने के इस अद्भुत उत्सव का साक्षी बनने वामन द्वादशी पर माणा गांव में मेला लगता है। इसमें हजारों लोग शामिल होते हैं। इस साल यह मेला 3 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
भगवान नारायण जब माता मूर्ति से मिलने जाते हैं, तो बदरी विशाल के कपाट सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक बंद रखे जाते हैं। इस दौरान भक्त माता मूर्ति मंदिर में ही भगवान की भी पूजा-अर्चना करते हैं।
इस मिलन की अनोखी परंपरा रही है। भगवान नारायण को बुलाने एक दिन पहले माणा से भगवान घंटाकर्ण बदरीनाथ धाम पधारते हैं। गर्भगृह के सामने प्रार्थनाकक्ष में आसन लगाकर नारायण से माता से मिलने चलने की प्रार्थना करते हैं।
इस परंपरा को भगवान नारायण अनादि काल से निभा रहे हैं। मेले में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अलावा माणा, बामणी आदि गांवों के लोग भी यहां आते हैं।