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मोदी के दौरे पर म्यांमार को मिलेगी डीजल की पहली खेप

नेपीडा, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| पारामी ऊर्जा समूह के सीईओ केन टुन ने कहा कि भारत से मिलने वाले उच्च गति डीजल की पहली खेप 3 सितंबर को म्यांमार पहुंच जाएगी।

केन टुन ने मिस्सिमा समाचार को बताया कि उनके समूह ने भारत के नुमालीगढ़ रिफाइनरीज और एनआरएल के साथ संयुक्त उद्यम समझौते के आधार पर डीजल आयात कर रहा है।

चार हजार गैलेन उच्च गति के डीजल और एचएसजी से भरे दो ट्रक 3 सितंबर को मोरेह पहुंच जाएंगे। उन्होंने ये बातें म्यांमार में चल रहे ‘बीआईएमएसटीईसी’ के एक सेमिनार में कही। मोरेह शहर भारत-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित भारत के राज्य मणिपुर का हिस्सा है।

केन टुन ने कहा, यह आधिकारिक रूप से तमू (म्यांमार, मोरेह बॉर्डर पार करते वक्त) में पारामी ऊर्जा के अधिकारयिों द्वारा प्राप्त किया जाएगा और पूरे आयोजन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और उनकी सरकार के दूसरे मंत्री और अधिकारी स्क्रीन पर देखेंगे।

मोदी 5 सिंतबर को अपने तीन दिवसीय चीन के शियामेन दौरे के लिए म्यांमार पहुंचेंगे, जहां से वह ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने जाएंगे।

केन टुन ने कहा कि पारामी ऊर्जा तीन महीने तक रोजाना 10 से 20 ट्रक उच्च गति के डीजल को एनआरएल से आयात करेगी जबतक कि भारत पाइपलाइन के जरिए म्यांमार को डीजल नहीं पहुंचा देता है।

केन टुन ने मिस्सिमा को बताया, हम देखेंगे कि मांग किस स्तर पर स्थिर है और फिर जांच करेंगे कि परिवहन लागत को कम करने के लिए पाइपलाइन निर्माण कितना जायज है। अगर मांग बड़ी हुई तो हमारे पास पाइपलाइन ही एकमात्र रास्ता है जिसके जरिए हम दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि 200,000 बैरेल उच्च गति के डीजल का 40 फीसदी रोजाना उपभोग केवल मांडले और उत्तरी म्यांमार के दूसरे हिस्सों में होता है।

नुमालीगढ़ रिफाइनरी असम की सबसे बड़ी और उत्तर पूर्व भारत की चार सबसे बड़ी रिफाइनरियों में से एक है।

नाम न जाहिर करने की शर्त पर एनआरएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, शुरू में टैंकरों के जरिए सड़क के रास्ते नुमालीगढ़ से म्यांमार तक डीजल को पहुंचाया जाएगा। तकनीकी रूप से उपयुक्त पाए जाने पर बाद में डीजल को पाइपलाइन के सहारे निर्यात करने की संभावना तलाशा जाएगा।

उन्होंने कहा कि म्यांमार को हर साल 50 लाख टन डीजल की जरूरत होती है, तेल समृद्ध राज्य असम इस मांग को आसानी से पूरा कर सकता है।

असम राज्य के स्वामित्व वाली नुमालीगढ़ रिफाइनरी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह एक लाभदायक व्यवसाय प्रस्ताव होगा, और बाद में हम दूसरे पेट्रोलियम पदार्थो के निर्यात के बारे भी सोच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एक अलग पाइपलाइन बनाकर प्राकृतिक गैस म्यांमार से भारत में भी आयात किया जा सकता है।

अधिकारी ने बताया, म्यांमार में हाल ही में 4 से 6 खरब घन फीट गैस के भंडार पाए गए थे, जो कि भारत में उपयोग के लिए म्यांमार से पाइपलाइन के जरिए आर्थिक रूप से काफी सस्ता साबित हो सकता है।

केन टुन ने कहा कि पारामी ऊर्जा उत्तरपूर्वी भारत से बिजली आयात करने के बारे में सोच रही है जैसा कि बांगलादेश इस समय कर रहा है।

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