राष्ट्रीय

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में धार्मिक उल्लास से मना ईद-उल-अजहा

हैदराबाद, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोगों ने शनिवार को बलिदान के त्योहार ईद-उल-अजहा धार्मिक उत्साह के साथ मनाया। हैदराबाद, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं अन्य शहरों में मुस्लिमों ने पैगंबर इब्राहिम के महान बलिदान की स्मृति के रूप में बकरियों या मवेशियों का बलिदान दिया और ईद की नमाज़ पढ़ी।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू और दोनों राज्यों के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हा राव ने इस अवसर पर लोगों को बधाई दी।

दिन की शुरुआत होते ही मुस्लिम ईद की नमाज़ पढ़ने के लिए तैयार हो गए। कई जगहों पर ईद की नमाज़ फजर या नियमित सुबह की नमाज़ के कुछ मिनट बाद की जाती है।

नमाज़ से पहले अपने संबोधन में इमामों ने बलिदान की भावना को आत्मसात करने और पैगंबर इब्राहिम का अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिन्होंने अल्लाह को खुश करने के लिए अपने पुत्र पैगंबर इस्माइल का बलिदान देने की पेशकश कर दी थी।

जैसे ही इब्राहिम अपने पुत्र की बली देने जा रहे थे, सर्वशक्तिमान अल्लाह ने उनके पुत्र को एक भेड़ से बदल दिया। बकरी-ईद या ईद-ए-कुर्बान के नाम से जाना जाने वाला यह त्योहार मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है।

त्योहार में बलिदान दिए हुए जानवरों के मांस को तीन भागों में समान रूप से वितरित किया जाता है। बलिदान करने वाला व्यक्ति अपने परिवार के लिए एक हिस्सा रखता है जबकि अन्य दो भाग रिश्तेदारों और गरीबों के बीच वितरित किए जाते हैं।

मुस्लिम बहुल पुराने शहर हैदराबाद की सड़कों पर त्योहार जैसा माहौल दिखाई दिया। पूरी रात बकरों की बिक्री जारी रही जिसके कारण शहर के कई हिस्सों में व्यस्त गतिविधि देखी गई। भेड़ और बकरे 5,500 से 8,000 रुपये तक की बेची गई।

धार्मिक विद्वानों के एक समूह द्वारा अपील किए जाने के बाद मुसलमानों ने गायों के बजाए बकरे और भेड़ का बलिदान दिया।

तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली ने मुसलमानों से अपील की अपने देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गायों का बलिदान न दें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह बकरे और दूसरों मवेशियों का बलिदान दें।

बलिदान तीन दिवसीय समारोहों के दौरान किया जा सकता है, जिसमें शनिवार पहला दिन है।

हैदराबाद की सबसे बड़ी मण्डली ऐतिहासिक मीर आलम ईदगाह पर आयोजित की गई जहां हजारों लोगों ने नमाज़ पढ़ी।

हैदराबाद में इमामों ने देश और दुनिया भर में शांति के लिए नमाज़ पढ़ी। उन्होंने बारिश के लिए भी नमाज़ पढ़ी, क्योंकि इस बार अपर्याप्त बारिश के कारण शहर को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने शहर हैदराबाद में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी क्योंकि अभी गण्ेाश उत्सव भी चल रहा है, जोकि मंगलवार को समाप्त होगा।

ईद निजामाबाद, करीमनगर, नलगोंडा, महाबूबनगर, आदिलाबाद, वारंगल और तेलंगाना के अन्य शहरों में भी मनाया गया।

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