पीरियड्स का दाग बेंच पर लगा तो टीचर ने बुरी तरह किया अपमानित, बच्ची ने दे दी जान
चेन्नै। महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म की पीड़ा और दर्द से गुजरना पड़ता है। वहीं, कई जगहों पर महिलाओं को मासिक धर्म के लिए अवकाश दिया जाता है। लेकिन तमिलनाडू के तिरुनेलवेली के एक स्कूल का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी आग बबूला हो उठेंगे।
दरअसल एक बच्ची को पीरियड्स आने के दौरान बेंच पर दाग लग जाने पर टीचर ने सबके सामने उसे इतना अपमानित किया कि वह डिप्रेशन में आ गई। इतना ही नहीं, बच्ची को प्रिंसिपल के पास भी ले जाया गया और वहां भी उसे बुरी तरह से बेइज्जत किया गया।
बच्ची जब यह अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकी तो उसने अपने पड़ोसी की 25 फुट ऊंची छत से कूदकर जान दे दी। बेटी की खुदकुशी से आहत माता-पिता को पूरा वाकया तब पता चला जब उन्हें सुसाइड नोट मिल गया।
इसके बाद गुरुवार को परिवारीजनों ने स्कूल के सामने प्रदर्शन भी किया। वहीं, पुलिस का कहना है कि स्कूल टीचर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बन रहा है।
वहीं, स्कूल ने इस घटना की जिम्मेदारी लेने से ही इनकार कर दिया है। बता दें कि 7वीं क्लास में पढ़ रही इस बच्ची को अपने शरीर में आ रहे बदलावों के बारे में जरा भी अंदाजा नहीं था। जब वह स्कूल पहुंची तो पीरियड्स के दौरान उसकी यूनिफार्म के साथ-साख बेंच पर भी निशान आ गए।
इस बात की जानकारी बच्ची के सुसाइड नोट से मिली, जिसमें लिखा था कि स्कूल में मेरी दोस्तों ने मुझे बताया कि तुम्हारे कपड़ों और बैंचो पर पीरियड़स के दाग लगे हुए हैं।
मैने टीचर से वॉशरूम जाने की इजाजत मांगी तो टीचर मुझ पर चिल्ला पड़ी। टीचर ने मुझे भरी क्लास के सामने बुरी तरह फटकारा। कहा कि तुम्हें अब तक सैनिटरी पैड पहनने का तरीका समझ में नहीं
आया है।
यहां सोचने वाली बात है कि एक तरफ हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन आज भी हमारे समाज में होने वाली ऐसी घटनाएं ऐसे सच को उजागर करती है जिससे या तो हम वाकिफ नहीं है या फिर हम वाकिफ होना नहीं चाहते है।
दरअसल, हम नहीं चाहते हैं कि ये सच्चाई हमारे साथ चले। हम इसे अपने से अलग रखने की कोशिश करते है। हर उस महिला-लड़की-किशोरी को हम अपने से दूर रखते हैं जो मासिक धर्म में हो, जबकि ये सच्चाई हमारे आपके साथ भी जुड़ी रहती है।