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बेमिसाल : पोल डांस में दिल खोलकर उड़ती है यह जिंदादिल मुस्लिम लड़की

मुंबई। मुंबई की आरिफा मुस्लिम है और प्रोफेशनल पोल डांसर है। मुस्लिम समुदाय से होने पर भी आरिफा ने पोल डांस को चुनकर न सिर्फ डिप्रेशन से खुद को बाहर निकाला, बल्कि आज वह समाज में मिसाल बनकर भी उभरी है।

उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक है। दरअसल जिस पोल डांस को देश में गंदी नजरों से देखा जाता है, आरिफा ने उसके जरिए प्री-मैनस्ट्रुअल डिप्रेशन से खुद को बाहर निकाला है। हाल ही में कल्चर मशीन मीडिया ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ब्लश’ में वीडियो के जरिए आरिफा की स्टोरी को बताया है।

यूट्यूब वीडियो में आरिफा बताती है कि वह बोहरा मुस्लिम है और उनकी बहन हिजाब पहनती है। एक दिन वह अपनी बहन के घर गई थी। इस दौरान वह मासिक धर्म से पहले होने वाली परेशानी और डिप्रेशन से गुजर रही थी। ऐसे में तब मुझे पोल डांस के बारे में पता चला। शुरुआत में मैं सीरियस नहीं थी, लेकिन इसने मुझे खुद से कनेक्ट करना सिखाया। मुस्लिम परिवार से ताल्‍लुक रखने वाली आारिफा बताती हैं कि लड़कियों को पूरी तरह ढका रहना चाहिए। आरिफा सभी समाज के बनाए गए कटटर और दकियानूसी सोच को पीछे छोड़ते हुए पोल डांस से अपना भविष्‍य संवार रही है।

वह हिजाब नहीं पहनती हैं। वो वहीं कपड़े पहनती हैं जो पोल डांस के लिए पहने जाते हैं और इसी के लिए मुफीद भी होते हैं।

आरिफा कहती हैं कि मेरे लिए पोल डांस का मतलब है दिल खोलकर उड़ना। समाज में खराब माने जाने वाला पोल डांस लड़कियों की आजादी का प्रतीक है।

ये सभी लड़कियों को समाज के नजरिये से आजाद करता है। आरिफा के मुताबिक उनकी बॉडी ही उनकी बेस्टफ्रेंड है। इतना ही नहीं आरिफा मुंबई में लड़कियों को पोल डांस भी सिखाती है।

आरिफा को इस कदम में अपनी मां नफीसा भिंडरवाला का भी साथ मिला। नफीसा पेशे से एक टीचर है। वह बताती है कि यदि हम औरतों की आजादी की बात करते हैं, तो इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी चाहिए। नफीसा के मुताबिक, मैं जब आरिफा को पोल के टॉप पर देखती हूं तो मुझे बेहद खुशी होती है।

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