उप्र में चकबंदी विभाग के 7 अधिकारियों को दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति
लखनऊ, 30 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने अब अक्षम और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की शुरू कर दी है। इसी के तहत 50 साल से ऊपर के अक्षम अधिकारियों के खिलाफ चकबंदी विभाग ने कड़े कदम उठाते हुए सात अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है। चकबंदी आयुक्त डॉ़ रजनीश दुबे ने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से जारी शासनादेश के अनुपालन के क्रम में यह निर्णय लिया गया। गत 14 अगस्त को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इन अधिकारियों के खिलाफ आरोपों को देखते हुए यह फैसला किया गया।
उन्होंने बताया कि जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उन पर अवैध धनराशि लेने जैसे कई आरोप पहले से ही थे और लंबे समय से निलंबित रहे। इनके खिलाफ कई बार बड़ा व छोटा दंड भी लगाया जा चुका है।
चकबंदी आयुक्त की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार जिन अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया है, उनमें प्रमोद कुमार त्रिपाठी, बन्दोबस्त अधिकारी, बांदा; ओमकार नाथ, चकबंदी अधिकारी, संतरविदास नगर (भदोही); गिरीश कुमार द्विवेदी, सहायक चकबंदी अधिकारी, उन्नाव; राजकुमार शर्मा, सहायक चकबंदी अधिकारी, एटा; वेदप्रकाश सिंह, सहायक चकबंदी अधिकारी, बिजनौर; रमेश कुमार, सहायक चकबंदी अधिकारी, बलिया तथा वीर विक्रम गौड़, सहायक चकबंदी अधिकारी, सहारनपुर शामिल हैं।