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18 साध्वियों ने CBI से कहा- हर रात नई लड़किया बुलाता था राम रहीम

साध्वियों के रेप केस में दोषी करार दिए गए राम रहीम के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए CBI 1997 से 2002 के बीच डेरा छोड़ चुकीं 24 साध्वियों में से 18 को ही ट्रेस कर पूछताछ कर पाई थी। इनमें भी सिर्फ 2 ही साध्वियां अदालत तक पहुंचीं। ये शादीशुदा हैं। इनके बच्चे भी हैं। जब CBI ने एक आरोपी अवतार सिंह, डेरा के मैनेजर इंद्रसेन और मैनेजर कृष्ण लाल का चंडीगढ़ और दिल्ली में लाई डिटेक्टर टेस्ट किया तो पता चला कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सेक्शुअल हैरेसमेंट करता था। 

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दो साध्वियों ने CBI को अपनी आपबीती में कहा था कि बाबा गुफा में बुलाता था और रेप करता था। दरअसल, 2002 में एक साध्वी की लिखी चिट्ठी पर संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी। सीबीआई ने डेरे के मैनेजर इंद्र सेन से 1999 से 2001 तक की साध्वियों की लिस्ट मांगी तो 2005 में उसे 3 लिस्ट मिलीं। पहली लिस्ट में 53, दूसरी में 80 और तीसरी लिस्ट में 24 साध्वियों के नाम थे।

20 साल तक सेवादार रहे रणजीत सिंह की 2002 में गुमनाम साध्वी का लेटर सामने आने के बाद हत्या कर दी गई थी। रणजीत के साले परमजीत सिंह ने सीबीआई के स्पेशल मजिस्ट्रेट में बयान दर्ज कराए थे।  परमजीत ने बताया था कि रणजीत की बहन जुलाई 1999 में साध्वी बनी थी। रोज बाबा रात को गर्ल्स हॉस्टल से एक साध्वी को गुफा में बुलाता था। एक दिन जब वह संतरी की ड्यूटी पर थी तो उसने देखा कि दो साध्वियों को बाबा की गुफा में भेजा गया। इसके बाद इनमें से एक ने तुरंत डेरा छोड़ दिया। साध्वी भी सब देखकर डेरा छोड़ना चाहती थी, मगर उसके भाई की बेटियां डेरे में बीए कर रही थीं। इसके कारण उसे रुकना पड़ा। अप्रैल 2001 में उसने अपने भाई और उसकी दोनों बेटियों समेत डेरा छोड़ दिया।

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27 जुलाई 2006 को सीबीआई ने कुरुक्षेत्र की साध्वी का बयान रिकार्ड किया। उसने बताया कि डेरामुखी ने उसके साथ रेप किया था। अपनी प्रतिष्ठा, पति के उसे तलाक देने के डर और डेरे के असर के डर से उसने मुंह नहीं खोला। जब सीबीआई ने डेरा मैनेजर कृष्ण लाल को अरेस्ट किया तो उसने अपने परिवार और पति को भरोसे में लिया। सच बोलने का मन बनाया। उसने बताया कि जब वह साध्वी थी तो 28-29 अगस्त 1999 की रात को 8 बजे मैनेजर ने बताया कि बाबा ने गुफा में बुलाया है। जब उसकी संतरी की ड्यूटी थी तो हॉस्टल की एक अन्य साध्वी से भी बाबा ने रेप किया। जिसके बाद उसने और उसकी बहन ने डेरा छोड़ दिया। इसी तरह दो अन्य साध्वियों को भी उसने गुफा से रोते हुए निकलते देखा, जिन्होंने बाद में डेरा छोड़ा। 

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साध्वी ने बताया कि रेप होने के एक साल बाद उसे मैनेजर ने बुलाया और कहा कि बाबा ने उसे गुफा में बुलाया है। मगर पहले हुई घटना के कारण उसने इनकार कर दिया। इसके बाद मैनेजर ने उसे ऐसा करने पर भूखा रखने की धमकी दी। इससे उसे गुफा में दोबारा जाना पड़ा और बाबा ने उसके साथ फिर रेप किया। 4 मई 2006 को फतेहाबाद की पूर्व साध्वी का सीबीआई ने बयान दर्ज किया। उसने बताया कि 1998 में उसने डेरा में बतौर साध्वी ज्वाइन किया था। वह शाह सतनाम जी स्कूल में पढ़ाती थी। 6 महीने बाद उसकी बहन भी साध्वी बन गई। बाबा ने उसका नाम नाजम और बहन तसलीम रखा। बाबा गर्ल्स हॉस्टल के पास अपनी गुफा में रहता था और गुफा के बाहर साध्वियों को संतरी रखता था। जिनकी ड्यूटी रात 8 बजे से 12 और 12 बजे से 4 बजे दो शिफ्टों में होती थी। साध्वी ने अपने बयान में कहा था- एक दिन उसे रात को 10 बजे गुफा में बुलाया गया और बाबा ने उससे रेप किया। वह रोती हुई गुफा से निकली और हॉस्टल चली गई। यहां पर उसने किसी को कुछ नहीं बताया। मगर उस दिन उसकी बहन ने बताया कि बाबा उसके साथ भी रेप कर चुका है।

 

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