रेलवे के नए चेयरमैन वीआईपी कल्चर खत्म करने पर सख्त
भारतीय रेलवे के नए बॉस यानी चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने पदभार संभालते ही अपने तेवर और इरादे साफ कर दिए हैं। लोहानी सिस्टम और इसके कल्चर में बदलाव लाना चाहते हैं। अब तक जो कुछ चलता आ रहा था, उसे बदलना चाहते हैं।
लोहानी ने रेल मंत्रालय के कामकाज में सुधार के लिए कर्मचारियों को अनुशासित करने की पहल की है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन लोहानी ने मंत्रालय के अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि सिस्टम में पर्याप्त बदलाव लाने के लिए ‘वीआईपी संस्कृति’ को रोकना होगा।
लोहानी ने बता दिया है कि अब सभी रेलवे अधिकारियों के उपहार स्वीकार करने पर सख्त प्रतिबंध होगा। साथ ही उन्हें अनावश्यक प्रोटोकॉल को छोड़ने के लिए कहा गया है।
युवा अधिकारियों के लिए चेयरमैन की सलाह है कि अगर वो रेलवे को स्वच्छ और कचरा-मुक्त बनाने की इच्छा रखते हैं तो वो अपनी मेज और कार्यालयों को सुव्यवस्थित रखें। निर्देश रविवार को आए, जब लोहानी ने दिल्ली डिवीजन के युवा रेलवे अधिकारियों से बातचीत की। लोहानी ने 7 साल पहले डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) के रूप में काम किया था।
चेयरमैन ने गुलदस्ते, उपहार और अफसरों को खुश करने की परम्परा समाप्त करने का सख्ती से आदेश दिया है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति होगी।
गुलदस्ता और उपहार संस्कृति को छोड़ना होगा, केवल प्रदर्शन ही आधार होगा। रेल मंत्रालय के अफसर ने कहा कि लोहानी वीआईपी संस्कृति को तुरंत खत्म करना चाहते हैं।
उन्होंने डीआरएम को सभी कर्मचारियों को बराबर मानने को कहा है और ग्राउंड स्टाफ के हर सुझाव पर ध्यान देने का निर्देश दिया है। यह संस्कृति खत्म करने के लिए, सीआरबी ने रेल भवन में वरिष्ठ अफसरों के कक्षों से नेम प्लेटें हटाने का आदेश दिया है।
रविवार को लोहानी ने सभी वरिष्ठ अफसरों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यालयों के आराम से फाइलों को निपटाने की बजाए फील्ड ड्यूटी में अधिकतम समय बिताएं।