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राम रहीम को अदालत से भगाने की फिराक में थे उनके सुरक्षा कर्मी?

चंडीगढ़, 27 अगस्त (आईएएनएस)| यह सवाल चर्चा में बना हुआ है कि क्या पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म का दोषी करार दिए जाने के बाद स्वयंभू धर्मगुरु की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों ने अदालत परिसर से ही उन्हें भगाने में मदद देने का प्रयास किया था?

हरियाणा पुलिस सूत्रों ने कहा कि निश्चित तौर पर डेरा प्रमुख के सुरक्षा कर्मियों ने एक निजी वाहन से उन्हें भगाने का प्रयास किया था। विडंबना यह है कि डेरा प्रमुख की सुरक्षा में लगे इन सुरक्षा कर्मियों में उनके निजी कमांडो के अलावा हरियाणा पुलिस के ही कर्मचारी शामिल थे।

हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, अदालत परिसर से राम रहीम की जेड प्लस सुरक्षा में लगे कर्मियों के साथ उनके सुरक्षा कर्मियों ने अपने वाहन से उन्हें भगाने का प्रयास किया था। वे उन्हें उनके हजारों समर्थकों के पास ले जाना चाहते थे, जो अदालत परिसर से एक किमी की दूरी पर ही जमा थे। अगर डेरा प्रमुख अपने भक्तों के बीच पहुंच जाते तो सुरक्षाकर्मियों के लिए लोगों को हताहत किए बिना राम रहीम को गिरफ्तार करना बहुत कठिन हो जाता।

पंचकूला के सेक्टर एक में अदालत परिसर में मौजूद हरियाणा पुलिस के कुछ अधिकारियों व अर्धसैनिक बल के कर्मियों ने तत्काल इस स्थिति को भांप लिया और दुष्कर्म के दोषी करार दिए गए राम रहीम के सात से आठ सुरक्षा कर्मियों से हाथापाई के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया।

राम रहीम के निजी कमांडो और उनकी सुरक्षा में तैनात हरियाणा के इन पुलिसकर्मियों को तत्काल हिरासत में लेकर एक अलग कमरे में रखा गया। बाद में राम रहीम के सुरक्षा कर्मियों पर हत्या, राजद्रोह व पुलिस अधिकारियों को अपनी ड्यूटी करने से रोकने का मामला दर्ज किया गया।

इसके बाद सभी सुरक्षा कर्मियों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें सात दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया।

अदालत में इस घटना के गवाह रहे अधिकारी ने कहा कि डेरा प्रमुख के सुरक्षा कर्मियों ने पुलिस वाहन के सामने लेटकर भी उन्हें ले जाने से रोकने की कोशिश की थी। इसके बाद उन्हें सड़क से हटाया गया।

राम रहीम के सुरक्षा कर्मियों ने डेरा प्रमुख को ले जा रहे पुलिस वाहन को एक सुरक्षा जैमर वाहन से रोकने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।

डेरा प्रमुख के सात सुरक्षा कर्मियों पर मामला दर्ज किया गया। इसमें असिस्टेंट सब इंस्पकेटर कृष्ण दास, हेड कांस्टेबल अजय, राम सिंह और विजय सिंह तथा कांस्टेबल बलवान सिंह (सभी हरियाणा पुलिस से) व निजी सुरक्षा गार्ड प्रीतम सिंह व सुखबीर शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दुष्कर्म के दोषी डेरा प्रमुख की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी उनके अनुयायी हो चुके थे और इस हद तक भक्त हो चुके थे कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला किया और दुष्कर्म दोषी राम रहीम को छुड़ाने की कोशिश की।

सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायाधीश जगदीप सिंह ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अपनी दो साध्वियों के साथ 2002 में दुष्कर्म का दोषी करार दिया। इसके बाद भड़की हिंसा में 36 लोग मारे गए।

बाबा को रोहतक की जेल में रखा गया है। उन्हें सोमवार (28 अगस्त) को सजा सुनाई जाएगी। जेल परिसर में ही विशेष अदालत लगेगी और जज वहीं उन्हें सजा सुनाएंगे।

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