राष्ट्रीय

‘मन की बात’ में बोले मोदी, आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि किसी को भी आस्था के नाम पर कानून–व्यवस्था हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। इसे हरियाणा में हुई हिंसा के संदर्भ में समझा जा रहा है।

हाल ही में सीबीआई की विशेष अदीलत द्वारा गुरमीत राम रहीम को दोषी मानने के बाद हरियाणा में भड़की हिंसा और करीब पांच राज्यों में पैदा हुए तनाव के बारे में भी पीएम ने कहा कि आस्था के नाम पर कानून को हाथ में लेने की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए कहा, “हिंसा की वजह से पूरा देश दुख में है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी को भी आस्था के नाम पर कानून एवं व्यवस्था को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।”

हालांकि, सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद भड़की हिंसा का कोई उल्लेख नहीं किया।

मोदी ने कहा, “जहां से भी हिंसा की खबर आती है तो तनाव होना वाजिब है।” हरियाणा हिंसा में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 35वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश को सम्बोधित किया। । यह रहीं ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा कही गईं कुछ मुख्य बातें,

हमारा देश विविधताओं से भरा है और ये विविधताएं खान-पान, रहन-सहन और पहनावे तक सीमित नहीं हैं। जीवन के प्रत्येक व्यवहार में हमें विविधताएं नजर आती हैं। त्योहार भी विविधताओं से भरे
हुए हैं।

हमारे सारे त्योहार प्रकृति के समय पत्रक के अनुसार चलते हैं। इनका प्रकृति से सीधा संबंध है। बहुत सारे त्योहार तो सीधे-सीधे किसान या मछुआरों से जुड़े हुए होते हैं।

 

 

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