डेरा हिंसा में अब तक 36 की मौत, हरियाणा में असहज शांति
चंडीगढ़| हरियाणा में डेरा प्रमुख राम रहीम को दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराने के बाद हुई हिंसा में 36 लोगों की मौत के बाद शनिवार को एक असहज शांति छाई रही। एक तरफ सेना जहां डेरा प्रमुख के मुख्यालय को खाली करवाने में जुटी रही। वहीं, स्थिति से निपटने में नाकामी को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाने की चारों तरफ से जोरदार मांग की गई।
हिसार शहर के डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय को सेना की कम से कम 8 टुकड़ियों ने घेर लिया है, जहां हजारों श्रद्धालु छिपे हुए हैं।
सेना की 33 डिवीजन के कमांडिंग अधिकारी मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने शनिवार को सिरसा का दौरा करने के बाद मीडिया को बताया कि सेना की डेरा परिसर में तुरंत घुसने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने बताया कि डेरा प्रबंधन से बातचीत कर परिसर को शांतिपूर्वक खाली कराने की कोशिश हो रही है।
50 वर्षीय डेरा प्रमुख को शुक्रवार को 2002 के दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया गया। उसके बाद उसे हिरासत में रोहतक जेल में रखा गया है।
एक पुलिस सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “विशेष हेलीकॉप्टर के इंतजाम से लेकर पुलिस अधिकारियों वाली सुविधा देने तक सरकार बदनाम डेरा प्रमुख का हर तरीके से मदद कर रही है।”
हरियाणा और पंजाब में कई स्थानों पर सेना गश्त लगा रही है, क्योंकि शुक्रवार को हुई हिंसा में करीब 250 अनुयायी घायल हुए हैं। शनिवार को भी पंजाब के मालवा इलाके और पंचकूला और सिरसा शहरों में सेना की गश्त जारी रही। दोनों राज्यों के कई जिलों में कर्फ्यू जारी रहा।
राज्य के मुख्य सचिव डी. एस. धेसी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पंचकूला की एक अदालत में अपराधी सिद्ध होने के बाद धर्मगुरु को हिरासत में लेने के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से की गई बदसलूकी मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि दो वाहनों से एक एके-47, एक माउजर, पांच पिस्तौल और दो राइफलें जब्त की गई हैं जो डेरा प्रमुख के सिरसा से पंचकूला की अदालत तक आए काफिले में शामिल थी।
पुलिस महानिदेशक बी. एस. संधू के बाद धेसी ने कहा कि पंचकूला समेत राज्य के किसी भी हिस्से में शनिवार को किसी हिंसा की घटना की सूचना नहीं है।
धेसी ने इससे इनकार किया कि रोहतक जेल में दोषसिद्ध अपराधी डेरा प्रमुख को कोई विशेष सुविधा दी जा रही है।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री को डेरा प्रमुख को ‘राजनीतिक संरक्षण’ देने की निंदा की और सरकार से शुक्रवार की हिंसा में लिप्त लोगों पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में हरियाणा की भाजपा सरकार की डेरा प्रमुख पर नरम होने को लेकर चारो तरफ आलोचना हो रही है। विपक्षी दलों ने खट्टर सरकार को हटाने की मांग की है।
लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खट्टर पर जल्दीबाजी में कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है। उन्होंने बताया कि मामला ठंडा होने पर ही इस पर चर्चा की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हिंसा में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 30 मौतें पंचकूला में और छह मौतें सिरसा में हुई है।