राष्ट्रीय

राम रहीम का बैग ढोने वाले हरियाणा के उप महाधिवक्ता बर्खास्त

चंडीगढ़, 26 अगस्त (आईएएनएस)| हरियाणा सरकार ने शनिवार को राज्य के उप महाधिवक्ता गुरदास सिंह सलवारा को बर्खास्त कर दिया, क्योंकि जिस वक्त पुलिस ने स्वयंभू संत गुरमीत राम रहीम सिंह को हिरासत में लिया, उनका बैग सलवारा ने अपने हाथ में ले लिया और उनके साथ चलते नजर आए। सरकार के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि माना जाता है कि सलवारा दुष्कर्म का दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम के रिश्तेदार हैं। अदालत परिसर में वह राम रहीम के हाथ से बैग लेते हुए कैमरे में कैद हुए हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को जैसे ही राम रहीम को दोषी करार दिया, स्वयंभू संत के हजारों अनुयायियों ने हिंसापूर्ण उत्पात मचाकर पंचकूला और समीपवर्ती चंडीगढ़ को रणक्षेत्र में तब्दील कर दिया। हिंसक भक्तों ने कई वाहनों व सार्वजनिक संपत्तियों में आग लगा दी। मीडिया के ओवी वैन को फूंक दिया और पत्रकारों को पीटा। हिंसा में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने वर्ष 2002 के दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म और यौन शोषण के मामले में डेरा प्रमुख को दोषी ठहराया। स्वयंभू संत पर 24 साध्वियों के यौन शोषण और गवाहों की हत्या का आरोप भी है।

राजनीति और धर्म के घालमेल से राम रहीम अकूत संपत्ति अर्जित कर हमेशा भोग-विलास का जीवन जीता रहा और आमजन के बीच आडंबरपूर्ण वेशभूषा में प्रकट होता रहा। उसे दिल्ली से लगभग 70 किलोमीटर दूर रोहतक की एक जेल में ले जाया गया है और एक बैरक में बंद कर दिया गया है। उसे सोमवार को सजा सुनाई जाएगी।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है। डेरा प्रमुख के प्रति नरमी दिखाने के कारण मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। नरमी दिखाए जाने की वजह से ही धारा 144 लागू होने के बावजूद राम रहीम के हजारों अनुयायी पंचकूला में जुट गए और हिंसापूर्ण उत्पात मचाया।

डेरा प्रमुख ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में खुलेआम भाजपा का समर्थन किया था। उनकी फिल्म ‘एमएसजी’ को रिलीज होने से सेंसर बोर्ड ने जब रोक दिया था, तब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और राज्यवर्धन सिंह राठौर ने बाबा राम रहीम की तरफदारी की थी।

हरियाणा सरकार ने उप महाधिवक्ता सलवारा को महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन की सिफारिश पर बर्खास्त किया। महाजन ने कहा कि एक सरकारी नौकर को इस तरह की चीजों की इजाजत नहीं है।

हालात पर काबू पाने में नाकामी के कारण सरकार इससे पहले पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अशोक कुमार को निलंबित कर चुकी है। वह 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

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