राष्ट्रीय

आप के 12 विधायकों की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस

नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए आप के कुछ विधायकों द्वारा दाखिल याचिक पर जवाब मांगा, जिसमें संसदीय सचिवों के रूप में कथित रूप से लाभ का पद जारी रखने को लेकर अयोग्य ठहराने के मामले में पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर आम आदमी पार्टी के 12 विधायकों की याचिका पर जवाब मांगा और 21 नवंबर को सुनवाई का दिन मुकर्रर किया है।

इन विधायकों का कहना है कि जब पिछले साल सितंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 आप विधायकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है तो चुनाव आयोग द्वारा इस मामले में सुनवाई जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है।

इस 21 विधायकों में से जनरैल सिंह ने जनवरी में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजौरी गार्डन सीट से इस्तीफा दे दिया था।

इससे पहले अदालत ने आप के 8 अन्य विधायकों द्वारा 4 अगस्त को चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर इसी प्रकार का आदेश पारित किया था।

चुनाव आयोग ने 23 जून को उन विधायकों की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उनके ‘लाभ के पद’ को लेकर अयोग्य ठहराने के मामले को खारिज करने की अपील की गई थी। अदालत ने उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का फैसला सुनाया था।

साल 2015 के मार्च में आप सरकार दिल्ली की विधानसभा में दिल्ली विधानसभा सदस्य (अयोग्या निवारण) अधिनियम 1997 पारित किया था, जिसमें संसदीय सचिव के पद को ‘लाभ के पद’ की परिभाषा से बाहर रख दिया था और यह कानून पिछली तिथि से लागू किया था।

हालांकि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इस कानून को अपनी सहमति नहीं दी। इसके बाद इन नियुक्तियों को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2016 के सितंबर में अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया गया, क्योंकि यह आदेश ‘लेफ्टिनेंट गवर्नर की सहमति/अनुमोदन के बिना’ पारित किया गया था।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close