लखनऊ के केजीएमयू में छात्र–छात्राओं से रैगिंग, जानिए कैसे किया परेशान
लखनऊ। उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग बड़ी समस्या बनती जा रही है। रैगिंग से निपटने के लिए जहां एक ओर सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कड़े नियम बना बनाकर इस पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बना रही है।
वहीं शिक्षण संस्थानों में छात्रों में कानून का कोई खौफ नहीं रहा गया। एक ऐसा ही ताजा मामला लखनऊ में देखने का मिला। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल विश्व विद्यालय (केजीएमयू) में बीती रात नए सत्र के छात्रों और छात्राओं के का हुई रैगिंग का मामला सामने आया है।
रात दो बजे दी धमकी
जानकारी के अनुसार, केजीएमयू में एमबीबीएस-2017 शुरू होने के बाद रैगिंग का पहला मामला सामने आया। 2016 बैच के दो सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों के मोबाइल फोन पर रात दो बजे फोन करके धमकाया और करीब आधे घंटे तक उन्हें गालियां भी दीं।
यही नहीं, सीनियर छात्रों ने जूनियरों को बाल छोटे, सफेद पैंट, काला जूता, लाला मोजे और घुटने तक लंबी एप्रेन पहनने के निर्देश भी दे डाले। इसके साथ ही नजरें नीची रखने और झुक कर सलाम करने को भी कहा गया, जिससे डरे सहमे जूयिर छात्रों ने इसकी सूचना अपने परिजनों को दी। इसके बाद परिजनों से इसकी जानकारी केजीएमयू के प्रॉक्टोरियल बोर्ड और हॉस्टल के प्रोवोस्ट को दी।
आरोपी छात्रों को लगाई फटकार
केजीएमयू प्रशासन ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया और छात्रों के मोबाइल फोन पर आए नंबर के आधार पर पता लगाया गया तो दोनों छात्र टीजी हॉस्टल के 2016 बैच के अनुराग अग्रवाल और अभिजीत गुप्ता निकले। चीफ प्रॉक्टर डॉ. आएएस कुशवाहा, एडिशनल प्रॉक्टर प्रो. अनूप वर्मा और डॉ. कमलेश्वर ने दोनों को तलब करते हुए फटकार लगाई।
प्रो. आरएएस कुशवाहा ने बताया कि दोनों सीनियर छात्रों का हॉस्टल आवंटन रद्द कर दिया गया है। साथ ही भविष्य में भी उन्हें हॉस्टल में जाने पर रोक लगा दी गई है।
एंटी रैगिंग कमेटी करेगी मामले की जांच
केजीएमयू की एंटी रैगिंग कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी। इसके साथ ही रैगिंग की ही फिराक में खड़े 2016 बैच के 18 सीनियर छात्रों पर एक-एक हजार का रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इन छात्रों पर आरोप कि वह 2017 बैच के छात्रों के हॉस्टल न्यू सीवी के पास समूह बनाकर खड़े थे। प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम उसी दौरान परिसर का भ्रमण कर रही थी।