तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश ताक पर, मेरठ में गर्भवती बीवी को तीन तलाक देकर घर निकाला
मेरठ। एक साथ तीन तलाक बोलकर पत्नी को छोड़ने वाली मुस्लिम प्रथा को सुप्रीम कोर्ट ने अमान्य, अवैध और अंसवैधानिक करार दिया था। बावजूद इसके यूपी के मेरठ में एक पति ने गर्भवती पत्नी को तीन तलाक कहकर किनारा कर लिया।
पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने दहेज के लिए प्रताड़ित कर घर से निकालने, मारपीट से गर्भपात होने और तीन तलाक देने की शिकायत मिलने पर 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
पुलिस ने बताया कि मेरठ के कमरा नवाबान मोहल्ला निवासी साबरीन ने छह साल पहले अपनी बेटी अर्शिनिदा का निकाह मोहल्ले के ही सिराज खान से किया था। निकाह के बाद से ही ससुराल वाले अर्शिनिदा को दहेज लाने के लिए प्रताडि़त करते थे। इस बीच उसने तीन बच्चों 4 साल के जुबेर, 3 साल के जैनब और एक साल के रहमत को जन्म दिया था।
पुलिस ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ससुरालवालों ने दहेज में सेंट्रो कार और एक लाख रुपये नकद की मांग पूरी न होने पर उसके साथ मारपीट की। उसे घर से निकाल दिया।
मारपीट की वहज से ही उसका बच्चा गिर गया। मामले को लेकर मंगलवार को दोनों परिवारों के बीच बातचीत हो रही थी। इस दौरान अर्शिनिदा के पति सिराज खान ने तलाक तलाक तलाक बोल कर उसके साथ रिश्ता खत्म कर लिया। जब लोगों ने उसे न्यायालय के फैसले का हवाला दिया तो उसने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया।
पुलिस ने आरोपित सिराज खां, ससुर रियाज खां, सास मोइना, ननद जीनत, दरक्षा व रिजवाना और चाचा ससुर सलीम के खिलाफ दहेज अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली हैं।
थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि चूंकि अभी तीन तलाक को लेकर कानून की कोई धारा नहीं बनी हैं। इसलिए इसको दहेज उत्पीड़न ही माना गया हैं। उन्होंने बताया कि आरोपितोंे की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।