केरल उच्च न्यायालय ने राज्य की स्वास्थ्य मंत्री को फटकारा
कोच्चि/तिरुवनंतपुरम, 23 अगस्त (आईएएनएस)| केरल उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.के.शैलजा को फटकार लगाई है। शैलजा नियुक्ति में पक्षपात के आरोपों का सामना कर रही हैं। उच्च न्यायालय ने बीते सप्ताह उनके खिलाफ की गई एक न्यायाधीश की टिप्पणियों को खारिज करने से इनकार कर दिया। बीते सप्ताह एक न्यायाधीश ने रेखांकित किया था कि मंत्री ने राज्य के बाल अधिकार संरक्षण आयोग में एक सदस्य की नियुक्ति करने में अपने पद का दुरुपयोग किया है।
इसे चुनौती देते हुए शैलजा ने खंडपीठ से संपर्क किया, जो उन पर भारी साबित हुई और पूछा कि कैसे एक व्यक्ति, जिसके खिलाफ आपराधिक मामले हैं, उसे बाल अधिकार आयोग में नियुक्त कर दिया गया?
अदालत ने कहा कि वह नियुक्ति से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकतीं और मामले की सुनवाई को गुरुवार के लिए टाल दिया।
इस बीच विधानसभा में कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष के पांच विधायक शैलजा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर एक अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे हैं, बुधवार को इस प्रदर्शन का तीसरा दिन रहा।
पांच विधायक सोमवार से सदन के कक्ष में दो रात गुजार चुके हैं। विपक्ष बुधवार को भी प्रदर्शन के मूड में था व बहुत से विधायक सदन से बाहर चले गए और पांच विधायकों के साथ बैठे।
बाद में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने शैलजा के खिलाफ एक नया आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शैलजा ने नियमों का उल्लंघन कर एक व्यक्ति को सरकारी केरल स्वास्थ्य अनुसंधान व समाज कल्याण का प्रबंध निदेशक बना दिया। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में मीडिया को दस्तावेज भी दिखाए।
शैलजा ने इस्तीफा देने से इनकार किया है।