उत्तराखंड

कलिंग उत्कल हादसे के बाद जागा रेलवे, 4 अफसर निलंबित अन्य पर कार्रवाई

वित् वर्ष 2016-17 के दौरान बढ़ते रेल हादसों के कारण रेल मंत्री ‘सुरेश प्रभु’ पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे।  कभी-कभार तो लोगों ने उन्हे लापरवाह रेल मंत्री भी बता दिया लेकिन शनिवार को कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के भयावह हादसे ने अबकी बार न सिर्फ सुरेश प्रभु को ही बल्कि पूरे रेल समुदाय को लापरवाही के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।  

इसकी  वजह से  सुरेश प्रभु ने  रेलवे बोर्ड को जांच का अल्टीमेटम दिया था।  अब लगता है कि रेलवे ने अपनी लापरवाही मान ली है क्यूंकि अब सुरेश प्रभु ने बड़ी कार्रवाई के बाद रेलवे बोर्ड के एक मेम्बर समेत तीन बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया है, जबकि अन्य 1 का तबादला कर दिया गया।  

निलंबित किए गए अफसरों में रेलवे बोर्ड के मेम्बर (इंजीनियर), दिल्ली के डीआरएम और जीएम (उत्तर रेलवे) है।  वहीँ चीफ ट्रैक इंजीनियर (नोर्थें रेलवे) का तबादला हुआ है। 

इससे पहले, रेलवे बोर्ड के मेम्बर (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद ने हादसे के पीछे लापरवाही की बात एक तरह से मानते हुए घटनास्थल पर पटरियों की मरम्मत के औजार मिलने की बात कही। 

उन्होंने कहा कि अब यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि क्या रेलवे ट्रैक पर बिना इजाजत मरम्मत का कार्य चल रहा था?

सूचित कर दें कि पिछले 5 वर्षों में जहां 586 रेल दुर्घटनाएं हो चुकी है, वहीँ वित् वर्ष 2016-17 के दौरान अब तक 104 बड़े रेल हादसे सामने आए है।  जिनमें से 66 हादसों में रेल कर्मचारियों की गलती भी सामने आई है। 

सूत्रों के अनुसार, रेलवे सेफ्टी से जुडे 1,24,000 पद खाली है।  रेल दुर्घटनाओं की एक वजह सेफ्टी पर फोकस न होना भी है। 

 जहां इस भयानक ट्रेन हादसे में 23 लोगों ने अपनी जान से हाथ धोया था तो वहीँ 100 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे जिनका अभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।  

 

 

 

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