उत्तराखंड के चार युवाओं ने बंगलुरु में लगाया गढ़वाली का तड़का, लोग हुए खाने के दीवाने
देहरादून। बंगलुरु के फाइव स्टार होटल की चेन में आयोजित फूड फेस्टिवल में जब गढ़वाली तड़का लगा तो लोग इन पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने से खुद को रोक नहीं पाए।
रविवार को खत्म हुए दस दिवसीय गढ़वाली फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के चार युवाओं के बनाए पकवान सभी की जुबान पर चढ़ गए।
बंगलुरु के सेसिल्ड मैरियट होटल में काम करने वाले उत्तराखंड के चार युवाओं की टीम ने प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों को राष्ट्रीय औऱ अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक पहल की है।
मूल रूप से रानीखेत के रहने वाले होटल के हेड शेफ कृपाल सिंह (२४) ने होटल
मालिक अनिकेत शाह के सहयोग से दस दिवसीय गढ़वाल फूड फेस्टिवल का आयोजन किया। इसमें उन्होंने गढ़वाल में दादी और नानी के जमाने की 20 से ज्यादा व्यंजन तैयार किए।
कृपाल सिंह ने बताया कि फेस्टिवल में गढ़वाली खाने ने खूब धूम मचाई। उन्होंने चिंतित होते हुए कहा कि आज उत्तराखंड के लोग ही गढ़वाल की संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। इसको बचाए रखने के लिए यह शुरुआत की गई है।
उनकी इस सकारात्मक पहल में रानीखेत के ही पंकज सिंह, महेंद्र सिंह और टिहरी के राहुल ढौंढियाल ने भी सहयोग किया।
फेस्टिवल में उनकी बनाई चार तरह की चटनी, चार तरह की रोटी, चार तरह के रायते और कई तरह की पहाड़ी दाल ने खूब आकर्षण बटोरा।
भुट्टे के स्वाद और मिठाइयों ने खाने की मिठास को दोगुना कर दिया। उन्होंने बताया कि बंगलूरू में उत्तराखंडी व्यंजनों में प्रयोग की जाने वाली सामग्री नहीं मिलती।
लिहाजा विशेष तौर में एक शेफ ने उत्तराखंड आकर सारा सामान खरीदा। उनका कहना है कि जो स्वाद पुराने खाने में था वह अब नहीं है। इसलिए हम गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजनों की पहचान को कायम रखना चाहते हैं।