पुलिस इंस्पेक्टर बनी दसवीं की छात्रा, पेश की मिशाल
इलाहाबाद। जिस प्रकार से अनिल कपूर की फिल्म नायक में अनिल कपूर को एक दिन का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था। उसी अंदाज में में आज इलाहाबाद में एक दसवीं क्लास में पढऩे वाली एक लडक़ी को एक दिन का पुलिस इंस्पेक्टर बनने का मौका मिला।
मात्र पंद्रह साल की छात्रा सौम्या दुबे ने सिविल लाइंस कोतवाली का चार्ज संभालते ही जो अंदाज व बेबाकी पेश की, उसके अंदाज और बेबाकी को देखकर पुलिस अफसर भी हैरान हो गये।
सोलह बरस पहले साल 2001 में जब अनिल कपूर और रानी मुखर्जी की फिल्म नायक रिलीज हुई थी तो इलाहाबाद में आज एक दिन की पुलिस इंस्पेक्टर बनी दसवीं क्लास की छात्रा सौम्या। तब तो सौम्या का जन्म भी नहीं हुआ था, लेकिन होनहार छात्रा सौम्या दुबे ने पंद्रह साल की उम्र में फिल्मी कहानी को हकीकत में बदल कर दिया।
सौम्या दुबे को जब एक दिन का पुलिस इंस्पेक्टर बनने का मौका मिला तो उसने वही तेवर और वही अंदाज दिखाया, जो अनिल कपूर ने नायक फिल्म में एक दिन का सीएम बनकर दिखाया था। चार्ज लेते ही सौम्या ने पुलिस कर्मियों की जमकर क्लास ली। पूरी कोतवाली का इंस्पेक्शन किया। पुलिसकर्मियों की चुस्ती परखी। कोतवाली में बैठकर न सिर्फ फरियादियों की समस्याएं सुनीं, बल्कि उस पर फौरन एक्शन भी लिया।
इसके बाद वह सरकारी जीप पर इलाके में गश्त के लिए निकल पड़ीं। रास्ते में उन्हें जो भी गलत मिला, उस पर सख्ती दिखाई और खुद ही लोगों से मिलकर उनकी मुश्किलें जानने व उन्हें दूर करने की कोशिश की। थाने पहुंचने पर पुलिसवालों ने उन्हें सैल्यूट किया वहीं पुलिसवालों ने उनका फूलों के साथ स्वागत किया।
ज्ञात हो इलाहाबाद पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहर के स्कूली बच्चों के लिए पुलिस के बिना समाज विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की थी। प्रतियोगिता में अव्वल रहने वालों को एक दिन पुलिसिंग के बारे में जानकारी दी जानी थी। प्रतियोगिता में टैगोर पब्लिक स्कूल की दसवीं क्लास की छात्रा सौम्या ने टॉप करते हुए निबंध में जो बातें लिखीं, उससे पुलिस के अफसर बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने सौम्या को एक दिन के लिए इलाहाबाद के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइंस की कोतवाली का इंस्पेक्टर बनाने का फैसला किया। इसका मकसद युवाओं को पुलिस की नौकरी के लिए प्रेरित, उत्साहित करने के साथ ही समाज में फै ली तरह-तरह की लोगों की पुलिस के प्रति गंदी सोच व मानसिकता को दूर करना था।
जहां एक दिन की इंस्पेक्टर बनने पर सौम्या की खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी, वहीं ड्यूटी के दौरान वह पूरी तरह गंभीर नजर आईं। सौम्या का कहना है कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन एक दिन की इंस्पेक्टर बनने के बाद अब व आईएएस के बजाय आईपीएस होकर पुलिस अफसर बनना ज्यादा पसंद करेंगी।