अब स्मार्टफोन का यह ऐप मनोरोगों को करेगा मैनेज
वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों ने दुनिया में मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों का उपचार ढूंढ निकाला है। वैज्ञानिकों ने मीडियम आयु वर्ग और उससे अधिक आयु के युवाओं की मदद करने के लिए एक स्मार्टफोन ऐप विकसित किया है।
यह ऐप मरीजों की मानसिक बीमारी औऱ अन्य गंभीर स्थितियों को सेल्फ करने के लिए बनाया गया है। ऐप लगभग तीन महीने के दौरान रोगी के 10 सेशन लेता है।
ये ऐप मरीजों की मानसिक बीमारी औऱ अन्य गंभीर स्थितियों को सेल्फ मैनेज करने के लिए बनाया गया है।
इस दौरान रोगी के तनाव, बीमारी, दवा पालन और रणनीतियों आदि टॉपिक्स को कवर किया जाता है। फिजीशियन इस एप का उपयोग करते हुए दूर से ही रोगी की स्थिति को मॉनिटर कर सकता है।
जब समस्या का पता चले, तो वह फोन पर रोगी को दवाओं के बारे में बता सकता है। अमेरिका में डार्टमाउथ कॉलेज के शोधकर्ताओं ने ऐप की उपयोगिता का परीक्षण किया।
डार्टमाउथ कॉलेज के कैरन फोर्ट्यूना ने कहा कि गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित वयस्कों द्वारा मोबाइल स्वास्थ्य का उपयोग एक प्रॉमिसिंग अप्रोच है, जो अत्यधिक व्यावहारिक और स्वीकार्य है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि इन प्रौद्योगिकियों को पारंपरिक मनोवैज्ञानिक दखल की तुलना में कई फायदे हैं, जिनमें समय की डिलीवरी, व्यापक प्रसार और अधिक लोगों तक प्रभाव आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन एप्लिकेशन सहभागिता, व्यक्तिगत और बीमारी के होने के पहले री उसकी रोकथाम जैसी सुविधा प्रदान करते हैं।
स्वास्थ्य सेवा में बीमारी के होने से पहले ही उसकी रोकथाम और बीमारियों के सेल्फ मैनेजमेंट को तेजी से अपनाया जा रहा है।
ऐसे में डॉक्टरों और रोगियों के लिए यह अहम हो जाता है कि वे इन तरीकों का समर्थन करें और नई तकनीक तैयार करने और विकसित करने में सक्रिय रूप से शामिल हों।