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गोरखपुर पहुंचे पूर्व सीएम अखिलेश, मदद का दिया आश्वासन

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज (14 अगस्त) पीडि़त परिवारों से मिलने गोरखपुर पहुंचे। अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कम से कम सरकार यह तो बताए कि बच्चों की मौत का कारण क्या है।

अगर ऑक्सीजन नहीं थी तो सप्लाई की जिम्मेदारी किसकी बनती है? किसके खिलाफ कार्रवाई हो, सरकार हर बात को छिपा रही है, लेकिन सच सामने आना चाहिए। पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा कि पीडि़तों का कहना है उन्हें कोई इलाज नहीं मिला और अस्पताल में ही मासूम बच्चों की जान चली गई।

अखिलेस यादव ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के बयान की निंदा करते हुए कहा कि सिद्धार्थ नाथ पढ़े लिखे मंत्री दिखते हैं। अगर यही गलती समाजवादियों से हो गई होती तो बवाल खड़ा हो जाता। मंत्रीजी कहते हैं कि अगस्त में तो जान जाती ही हैं, मरना तो सभी को है तो क्या हम आज ही मर जाएंगे। वहीं पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा कि आंकड़े देकर कोई नहीं बच सकता, जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होनी चाहिए।

यहां गोरखपुर अस्पताल में एक सत्ताह के अन्दर 70 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद सत्ताधारी योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। वैसे सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि पांच साल तक उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने वाले अखिलेश यादव को 5 दिन बाद गोरखपुर याद आया, क्योंकि उनकी सरकार रहते हुए भी राज्य की स्वास्थ्य सुविधा में कोई बड़ा सुधार नहीं हो सका था।

जिम्मेदारी से नहीं बच सकती सरकार

वहीं, सीएम योगी के भावुक बयान पर अखिलेश यादव ने कहा, कि ‘देखिए ये सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। उन्हें जनता ने चुना है। चाहे वो स्वास्थ्य मंत्री हों या सरकार में किसी पद पर बैठे अधिकारी। उनकी ये जिम्मेदारी बनती है, कि इलाज की सुविधाएं आदि उपलब्ध कराएं।’

गोरखुपर में बच्चों की मौत के बाद अखिलेश लगातार सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर मामले की सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए पीडि़तों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की थी।

 

पूर्व सीएम अखिलेश पर भी पर उठे सवाल

वैसे गोरखपुर में यह समस्या आज की नहीं है। गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में दिमागी बुखार (इंसेफेलाइटिस) एक बड़ी समस्या है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीए सरकार ने 2011 में ही यहां एम्स को मंजूरी दे दी थी।

बावजूद इसके 2014 में सत्ताधारी अखिलेश सरकार पर गोरखपुर में एम्स के निर्माण के लिए जमीन ना देने का आरोप लगा। उस समय यहां से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार पर एम्स का निर्माण ना होने देने का आरोप लगाया था। हालांकि यूपी में बीजेपी सरकार के गठन के बाद जुलाई 2017 में पीएम मोदी की मौजूदगी में एम्स का शिलान्यास किया गया है, जो 2019 तक बनकर तैयार होगा।

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