गोरखपुर में भावुक हुए मुख्यमंत्री योगी, कहा मैंने सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी
रिपोर्ट आने दीजिए, दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी कि मिसाल बनेगी : योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में बच्चों की मौत के बाद रविवार को BRD अस्पताल का दौरा किया और मरीजों का हाल जाना। अस्पताल के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री योगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मासूमों की मौत की जांच ज़रूर होगी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
मेडिकल कॉलेज के वार्ड का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से कहा कि मुझसे ज्यादा संवेदनाएं किसके पास हैं। मैने सड़क से संसद तक इंसेफेलाइटिस से जंग की है।
उन्होंने कहा कि चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी मौत के कारणों की जांच कर रही हैं। जनहानि हुई तो सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में रिसर्च सेंटर की बहुत जरूरत है। गोरखपुर में रीजनल रिसर्च फार मेडिकल सेंटर की स्थापना होगी।
इसके लिए 85 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की संवदेना मर चुकी है। वह राजनीति कर रही है। हम समस्या का समाधान करना चाहते हैं। इसीलिए बार-बार गोरखपुर आता हूं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए कुछ स्तरीय डॉक्टरों की टीम यहां भेजी हैं। उन्होंने अपना कार्य भी शुरू कर दिया है। इंसेफेलाइटिस के खिलाफ शुरू से हम लड़ते रहे हैं।
सरकार बनने के बाद हमने जेई वैक्सीनेशन ड्राइव चलाकर लाखों बच्चों को इंजेक्शन लगवाए। सीएम बनने के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज का यह मेरा चौथा दौरा है। मैं हर बार इंसेफेलाइटिस वार्ड का निरीक्षण करता हूं। प्राइवेट प्रैक्टिस करते सरकारी डाक्टर मिले तो सख्त कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि हादसे की जांच के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। इसकी रिपोर्ट दिए जाने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे हादसे के दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी कि मिसाल बनेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं तो गोरखपुर में 1996 से मैं इंसेफेलाइटिस की लड़ाई लड़ रहा हूं। इंसेफेलाइटिस के खिलाफ शुरू से लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रदेश के 90 लाख बच्चों को वैक्सीन देकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई का आगाज किया है। इस पीड़ा के बारे में मुझसे ज्यादा कोई नहीं जान सकता।
मुझसे ज्यादा कोई इस समस्या को नहीं समझ सकता है। बीआरडी अस्पताल में तीस से ज़्यादा बच्चों की मौत के मामले में सरकार के स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई।
मैं चार बार बीआरडी अस्पताल आ चुका हूं। 9 जुलाई को हमने वेतन न मिलने की समस्या को सुलझाया था। 9 अगस्त को भी मैं यहां आया था, जिसमें 5 प्रमुख सचिवों को यहां बुलाया गया था। सरकार की तरफ से इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई।