सपना टूटा पर हौंसला नहीं, चोटिल होकर भी दौड़ते रहे ऐथेलीट बोल्ट
नई दिल्ली। दुनिया के दिग्गज ऐथेलीट उसेन बोल्ट का सपना, सपना ही रह गया। बोल्ट अपने सपने को पूरा करने के आखिरी लैप से बस कुछ ही दूर थे। 4 गुणा 100 मीटर रेस की टीम में शामिल बोल्ट के साथ घटी एक ऐसी घटना जिसने उनकी आखिरी रेस पूरी न होने दी।
आखिरी लैप में बोल्ट कुछ दूर दौड़ने के बाद चोटिल हो गए और मैदान पर गिर गए। 30 साल के बोल्ट ने जब बैटन थामी तो उनके आगे दो प्रतिस्पर्धी थे। बोल्ट ने उनसे आगे निकलने के लिए जोर लगाया, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। थोड़ी दूर दौड़ने के बाद ही वह बाईं टांग की मांसपेशियों में चोट से रुक गए। वह लड़खड़ाने लगे और कुछ देर में जमीन पर गिर गए।
बाद में बोल्ट के लिए व्हीलचेयर लाई गई, लेकिन उन्होंने इस पर बैठने से इनकार कर दिया। बोल्ट ने अपनी टीम के साथियों के कंधे का सहारा लेकर आखिरी 30 मीटर लड़खड़ाते हुए पूरे किए।
आधिकारिक नतीजे के मुताबिक जमैका की टीम ने अपनी रेस पूरी नहीं की। इस स्पर्धा का गोल्ड मेजबान ग्रेट ब्रिटेन की टीम को मिला। अमेरिकी रिले टीम ने सिल्वर और जापान ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।