राष्ट्रीय

भ्रष्टाचार-रोधी कानून को कमजोर कर रही मोदी सरकार : कांग्रेस

नई दिल्ली| कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार द्वारा लाए गए भ्रष्टाचार-रोधी कानून को ‘सुनियोजित तरीके से कमजोर’ करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा अपने उस वादे को पूरा नहीं कर रही है, जिसमें उसने भाजपा सांसदों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की तेज सुनवाई कराने का वादा किया था।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां पत्रकारों से कहा कि व्हिसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को कमजोर किया जा रहा है और सूचना के अधिकार अधिनियम को खत्म किया जा रहा है।

सिंघवी ने कहा, “इस सरकार का संप्रग सरकार द्वारा लाए गए भ्रष्टाचार रोधी कानून को सुनियोजित तरीके से कमजोर करने का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है।”

सिंघवी ने कहा कि व्हिसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम में यह पूर्व शर्त लगाना कि व्हिसल ब्लोअर द्वारा सार्वजनिक की गई सूचना आरटीआई के तहत हासिल की गई हो, इस कानून को कमजोर करने की कोशिश है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वहीं रिश्वत देने वाले के खिलाफ कार्रवाई को आसान बनाकर और रिश्वत ग्रहण करने वाले के खिलाफ कार्रवाई को बेहद मुश्किल कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “इलेक्टोरल बॉन्ड जवाबदेही और पारदर्शिता को कम करने की बहुत बड़ी योजना का ही हिस्सा है।”

सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदन में दिए अपने पहले भाषण में कहा था कि वह अपने सांसदों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाएंगे और एक साल के अंदर उन मामलों को निपटाने का वादा किया था।

उन्होंने कहा, “लेकिन, अब तीन साल बीत चुके हैं। मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का अब तक निपटारा नहीं हुआ है। भाजपा सरकार के 31 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं और उनमें भी 18 फीसदी के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।”

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