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जब नेहरू का एडविना से जिस्मानी रिश्ता नहीं था तो फिर कैसा रिश्ता था

नई दिल्ली। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना के बीच प्रेम संबंध को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं और अब खुद एडविना की बेटी पामेला ने बड़ी मुखरता से दोनों के संबंध पर बात की है।

पामेला ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे लेकिन उनका संबंध कभी जिस्मानी नहीं रहा, क्योंकि वे कभी अकेले में नहीं मिले।

पामेला कहती हैं, मैंने अपनी मां एडविना और नेहरू के बीच गहरे संबंध विकसित होते हुए देखा था। उन्हें पंडितजी में वह साथी, आत्मिक समानता और बुद्धिमतता मिली, जिसे वह हमेशा से चाहती थीं। उन्होंने बताया कि मां को लिखे नेहरू के एक पत्र को पढऩे के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ कि पंडितजी और मेरी मां किस कदर आपस में प्रेम करते थे और एक-दूसरे का सम्मान करते थे।

‘लाइफ एज ए माउंटबेटन’ पुस्तक में पामेला लिखती हैं, ‘मेरी मां या पंडितजी के पास यौन संबंधों के लिए समय नहीं था। दोनों विरले ही अकेले होते थे। उनके आसपास हमेशा कर्मचारी, पुलिस और अन्य लोग मौजूद होते थे।’

ब्रिटेन में पहली बार 2012 में प्रकाशित इस पुस्तक को हशेत प्रकाशन ने पेपरबैक की शक्ल में भारत में जारी किया है।

पामेला ने ये भी लिखा है कि भारत से जाते हुए एडविना अपनी पन्ने की अंगूठी नेहरू को भेंट करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें पता था कि वह स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए उन्होंने अंगूठी उनकी बेटी इंदिरा को दी और कहा, यदि वह कभी भी वित्तीय संकट में पड़ते हैं, तो उनके लिए इसे बेच दें. क्योंकि वह अपना सारा धन बांटने के लिए प्रसिद्ध हैं।

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