भारत ने प्रेस की स्वतंत्रता पर रिपोर्ट को ‘संदेहास्पद’ बताया
नई दिल्ली| भारत ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ ‘रिपोर्टर्स विदआउट बार्डर’ की वैश्विक मीडिया स्वतंत्रता संबंधी रिपोर्ट के ‘सूत्रों’ को ‘संदिग्ध’ करार दिया है। इस सूची में वैश्विक मीडिया स्वतंत्रता के मामले में भारत को 136वां स्थान दिया गया है।
भारत की यह रैंकिंग बीते साल के मुकाबले तीन स्थान नीचे गई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि रिपोर्ट का नमूना ‘रैंडम’ लिया गया था।
पेरिस की संस्था ने 180 देशों में पत्रकारों को मिली काम की स्वतंत्रता के अनुसार यह दर्जा दिया है।
अहीर ने कहा, “प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने रिपोर्टर्स विदआउट बार्डर की रिपोर्ट को नोट किया है और पाया कि भारत में इसके स्रोत संदेहास्पद हैं और इसके के नमूने अनियमित रूप से, बिना किसी क्रम के (रैंडम) लिए गए जो कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की उचित व व्यापक तस्वीर नहीं उजागर करते हैं।”
रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग तीन स्थान गिरने के लिए हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू राष्ट्रवादियों ने राष्ट्रीय बहस से राष्ट्र विरोधी विचारों की सभी तरह की अभिव्यक्तियों को साफ करने का प्रयास किया, इससे मुख्यधारा मीडिया में सेल्फ सेंसरशिप बढ़ रही है।
इसमें कहा गया कि ज्यादातर कट्टरवादी राष्ट्रवादियों द्वारा विरोध करने पर पत्रकारों को ऑनलाइन निशाना बनाया गया और उन्हें शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई।
इसमें कहा गया कि पत्रकारों का संवेदनशील क्षेत्रों, जैसे कश्मीर में काम करने में दिक्कत बढ़ी है जहां दोनों तरफ से पत्रकारों को निशाना बनाया गया है।