कंपनी के 50,000 रुपये से अधिक के उपहार पर लगेगा जीएसटी : सरकार
नई दिल्ली| किसी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को बिना किसी अनुबंध के अगर 50,000 रुपये से अधिक का उपहार प्रदान किया जाता है तो उस पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कर चुकाना होगा। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, “यह सूचना दी जाती है कि कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को किसी प्रकार का गिफ्ट या अतिरिक्त सुविधा दी जाती है, जिसका मूल्य साल में 50,000 रुपये से ज्यादा है तो उस पर जीएसटी के हिसाब से कर लगेगा, जो व्यापार या व्यवसाय में प्रगति होने के कारण दिया गया हो। 50,000 रुपये तक के उपहार पर जीएसटी नहीं लगेगा।”
हालांकि, जीएसटी कानून के अंतर्गत गिफ्ट की परिभाषा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन सामान्य प्रचलन में इसे बिना किसी अनुंबध के दिया जाता है जो कि कभी कभार बिना किसी विचार-विमर्श के कंपनियों द्वारा स्वेच्छा से अपने कर्मचारियों को दिया जाता है। गिफ्ट प्राप्त करना किसी कर्मचारी का अधिकार नहीं है और ना ही कर्मचारी गिफ्ट के दावे को लेकर अदालत जा सकता है।
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि नियोक्ता के साथ कर्मचारियों को अनुबंध के तहत मिले लाभों को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा।
इसके अलावा जीएसटी के अंतर्गट इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) योजना का लाभ किसी क्लब, हेल्थ या फिटनेस सेंटर की ग्राहकी पर नहीं मिलेगी।
इसमें कहा गया, “इसलिए ऐसी सेवाएं अगर कंपनी अपने कर्मचारियों को मुफ्त प्रदान करती है तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं आएगी, जबकि इन सेवाओं की खरीद करते वक्त कंपनी ने जीएसटी का भुगतान कर दिया हो।”
इसी प्रकार से कंपनी द्वारा अनुबंध के तहत अपने कर्मचारियों को मुफ्त आवास की सेवा देने पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।