मोसुल में बंदी 39 भारतीयों के मुद्दे पर अमरिंदर-सुषमा में बातचीत
चंडीगढ़| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय उन 39 भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहा है, जो साल 2014 से ही मोसुल में बंदी बनाकर रखे गए हैं।
इराकी सुरक्षाबलों द्वारा मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आईएस) से आजाद कराने के बाद भारतीय बंदियों के परिजनों द्वारा अपने लोगों की खोज-खबर लेने के प्रयास की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमरिंदर ने मामले में विदेश मंत्री के सक्रिय हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि बंदियों के परिजन अपने लोगों की वापसी का उत्सुकतापूर्वक इंतजार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक प्रवक्ता ने यहां खुलासा किया, “भारतीयों को स्वदेश वापस लाने को लेकर अपने मंत्रालय द्वारा हर संभव प्रयास करने का आश्वासन जताते हुए सुषमा स्वराज ने कहा है कि वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए इराक की सरकार के साथ समन्वय बनाने को लेकर विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह को वहां भेजा गया है। सुषमा ने कहा कि उन्होंने भारतीय उच्चायोग को फंसे भारतीयों को हर तरह की मदद पहुंचाने के लिए कहा है।”
प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी वापसी में मदद करने के लिए हवाईअड्डों पर एयर इंडिया के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने लापता भारतीयों की तलाश के लिए मौजूदा सभी स्रोतों को सक्रिय कर दिया है, जिनके बारे में अंतिम जानकारी मिली थी कि वे किसी गिरिजाघर में छिपे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 39 भारतीय जल्द ही भारत लौटेंगे, क्योंकि मोसुल पर से आईएस का नियंत्रण खत्म हो गया है।
जून 2014 में आईएस के चंगुल से बच निकलने वाले पंजाब के एक व्यक्ति हरजीत मसीह ने दावा किया था कि बंदी बनाए गए 39 भारतीयों को मार डाला गया है।
विदेश मंत्रालय हालांकि बार-बार यह बात दोहराता रहा है कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है, जिससे उनके मारे जाने की पुष्टि हो। भारतीय नागरिकों को 11 जून, 2014 को उत्तरी इराक के मोसुल में आईएस ने बंदी बना लिया था।