सीबीआई छापेमारी के बाद सैकड़ों समर्थक लालू के आवास पर जुटे
पटना | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी के बाद यहां सैकड़ों की तादाद में पार्टी के नेता व समर्थक जुट गए, जिसके कारण प्रशासन को उनके घर की तरफ जाने वाले मार्गो को बंद करना पड़ा और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती करनी पड़ी।
मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जरिये सीबीआई की छापेमारी की खबर फैलते ही राजद के नेता, मंत्री, विधायक, कार्यकर्ता व समर्थक लालू के 10, सर्कुलर रोड स्थित आधिकारिक आवास के बाहर एकत्र हो गए। लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी यहां अपने दोनों बेटों- तेज प्रताप तथा तेजस्वी यादव के साथ रहते हैं।
तेज प्रताप बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं, वहीं तेजस्वी बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं। सीबीआई शुक्रवार सुबह जब लालू के आवास परिसर में तलाशी में जुटी थी, पुलिस मुख्यालय ने उनके आवास की ओर जाने वाले दो मार्गो को बंद कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “पुलिस मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद लालू-राबड़ी के आवास के पास दो सड़क मार्गो को बंद कर दिया गया।”
पुलिस ने राजद नेताओं के आवास के बाहर एकत्र पार्टी के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित लालू के आवास के हरे रंग के लोहे के गेट के पास खड़े न हों। राजद नेता का आवास बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास 1, अणे मार्ग से कुछ ही दूर है।
सूत्रों के अनुसार, जिस वक्त सीबीआई की छापेमारी हुई, राबड़ी देवी अपने दोनों बेटों-तेजस्वी व तेज प्रताप यादव के साथ आवास के भीतर थीं। सीबीआई ने साल 2006 में रांची तथा पुरी में बीएनआर होटल्स के विकास, रखरखाव तथा संचालन का टेंडर देने में कथित अनियमितता को लेकर लालू, उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के प्रबंध निदेशक तथा लालू के विश्वासपात्र प्रेमचंद गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
लालू प्रसाद 2004-2009 के बीच रेल मंत्री थे। सीबीआई की छापेमारी के वक्त लालू प्रसाद झारखंड की राजधानी रांची में चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में पेशी के लिए गए हुए थे।