इजरायल में भावुक हुए पीएम मोदी, नन्हे मोशे से कहा इंडिया आवोगे?
जेरूसलम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल दौरे के दूसरे दिन 05 जुलाई को नन्हे मोशे से मुलाकात की। मोशे का पूरा नाम मोशे होल्त्जबर्ग है। मोशे 26/11 टेरर अटैक सर्वाइवर है।
मोदी से मुलाकात को लेकर मोशे बेहद रोमांचित और भावुक नजर आया। इस दौरान इजरायली पीएम नेतन्याहू भी पीएम मोदी के साथ थे। मोशे ने हिंदी में नमस्ते कहकर पीएम मोदी का अभिवादन किया।
मोशे ने अपना लिखित संदेश पढ़ा और कहा कि वह भारत के लोगों और नरेंद्र मोदी को प्यार करता है। पीएम मोदी ने मोशे को भारत आने का न्योता दिया। इमोशनल होकर पीएम मोदी ने भी मोशे से पूछा कि क्या तुम फिर इंडिया आना चाहोगे? इस पर उसने हामी भर दी। मोदी ने फिर कहा- तुम और तुम्हारा परिवार कभी भी भारत आ सकता है। जहां चाहे, वहां जा सकता है।
जानें कौन है मोशे ?
26/11 मुंबई हमले में 173 लोग मारे गये थे। उन 173 लोगों में से एक मोशे के माता-पिता भी थे। मोशे के माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस में रहते थे।
हमले के समय मोशे की मां रिवका और पिता गैवरूल होल्त्जबर्ग भी वहीं थे। उस समय मोशे 2 साल का था और वो भी वहीं था।
मोशे के माता-पिता इस हमले में मारे गए। मोशे अपने माता-पिता की डेड बॉडी के पास बैठा रोता रहा तभी उसकी आया सैंड्रा सैमुअल ने मोशे की आवाज सुनी और मोशे को वहां से निकालकर जान बचाई।
मोशे अब अपने ग्रैंडपेरेन्ट्स रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग और येहुदित रोसेनबर्ग के साथ आफुला में रहता है। 2008 में हुए इस हमले में मोशे की मां और पिता समेत छह अन्य इजराइली नागरिकों की मौत हो गई थी।
26/11 हमला
26 नवंबर, 2008 में मुंबई पर लश्कर तैयबा के हमले में नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया गया। उस समय मोशे और उसके इजराइली माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस में रहते थे।
अपने माता-पिता की अंत्येष्टि के बाद मोशे अपने दादा-दादी और आया सैंड्रा सैमुअल के साथ इजरायल चला गया। उस समय मोशे बस सैंड्रा को ही पहचानता था। सैंड्रा ने उसका अपने बच्चे की तरह ख्याल रखा।
मोशे को इजरायल की नागरिकता प्रदान की गई। वो अपने दादा-दादी के साथ रहने लगा। सैंड्रा को भी 2 साल बाद इजरायल की नागरिकता दे दी गई। उन्हें वहां उनकी बहादुरी के लिए बहुत सम्मान मिला। इजरायली सरकार ने भी उन्हें सम्मान दिया है।