भारतीय गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन, वेस्टइंडीज की हार
नार्थ साउंड (एंटिगा)| भारत और वेस्टइंडीज के बीच सर विवियन रिचर्डस स्टेडियम में खेला गया तीसरा एकदिवसीय मैच पूरी तरह से गेंदबाजों के नाम रहा।
शुक्रवार देर रात खेले गए इस मैच में टॉस जीतकर वेस्टइंडीज ने गेंदबाजी चुनी और भारत की मजबूत बल्लेबाजी को 50 ओवरों में चार विकेट पर 251 रनों से आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद भारत ने मेजबान टीम को 158 रनों पर ही समेट कर 93 रनों से जीत दर्ज की।
इसी जीत के साथ भारत ने पांच एकदिवसीय मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त ले ली है। पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। दूसरे मैच में भारत ने विंडीज को 105 रनों से हराया था।
भारत की जीत में महेंद्र सिंह धौनी (78), अंजिक्य रहाणे (72) की संघर्षपूर्ण पारियों के बाद रविचंद्रन अश्विन और कुलदीप यादव का अहम योगदान रहा।
रहाणे और धौनी ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, तो अश्विन और कुलदीप ने तीन-तीन विकेट लेकर विंडीज को मामूली लक्ष्य तक पहुंचने नहीं दिया।
विंडीज की शुरुआत खराब रही। उमेश यादव ने दूसरे ओवर की दूसरी गेंद पर इविन लुइस (2) को बोल्ड कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद काइल होप (19) और शाई होप (24) ने टीम को 54 के स्कोर तक पहुंचाया।
इसी स्कोर पर हार्दिक पांड्या ने काइल को केदार जाधव के हाथों कैच पर दूसरी सफलता दिलाई। चार रन के बाद कुलदीप ने रोस्टन चेस (2) को अपनी ही गेंद पर कैच आउट किया।
यहां से भारतीय गेंदबाज विंडीज पर हावी हो गए और लगातार विकेट लेते रहे। मेजबान टीम की तरफ से जैश मोहम्मद ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए। उन्होंने केरन पावेल (30) के साथ छठे विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी कर संभालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।
पहला ओवर फेंकने आए जाधव ने पहली ही गेंद पर केसरिक विलियम्स को आउट कर विंडीज को पवेलियन भेज दिया। पूरी टीम 38.1 ओवरों में ही पवेलियन लौट गई।
इससे पहले, मेजबान टीम के गेंदबाजों ने अपनी सटीक लाइन लैंथ और कसी हुई गेंदबाजी से बेहतरीन बल्लेबाजी क्रम वाली भारतीय टीम को निर्धारित 50 ओवरों में चार विकेट खोकर 251 रनों से आगे नहीं जाने दिया।
अजिंक्य रहाणे ने धीमी पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 122 गेंदें खेली और 64.38 की स्ट्राइक रेट से रन जोड़े।
उनके बल्ले से चार चौके और सिर्फ एक छक्का निकला। धौनी ने धीमी शुरुआत की, लेकिन अंत में तेजी से रन बटोरे और 79 गेंदों में चार चौके तथा दो छक्कों की मदद से 78 रनों की पारी खेली।
भारत इस स्कोर तक भी नहीं पहुंच पाता लेकिन धौनी और केदार जाधव ने अंत में 7.4 ओवरों में 10.56 की औसत से 81 रन जोड़ते हुए टीम को इस स्कोर तक पहुंचाया।
जाधव ने अपनी 40 रनों की पारी में 26 गेंदों का सामना किया और चार चौके तथा एक छक्का जड़ा। भारत को पिछले मैच की तरह इस मैच में अच्छी शुरुआत नहीं मिली।
बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन (2) तीसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गए। आक्रामक विराट कोहली 22 गेंदों में 11 रन बना सके जिसमें दो चौके शामिल थे। वह 10वें ओवर की तीसरी गेंद पर 34 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
आमतौर पर तेजी से रन बटोरने वाली भारतीय टीम को अपना अर्धशतक पूरा करने के लिए 15वें ओवर की पहली गेंद का इंतजार करना पड़ा।
भारत के 100 रन 27वें ओवर की पहली गेंद पर पूरे हुए, लेकिन अगली गेंद पर लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू ने युवराज सिंह को पवेलियन भेज दिया। तेज तर्रार पारी खेलने वाले युवराज ने 55 गेंदों में चार चौकों की मदद से 39 रन बनाए।
यहां से पूर्व कप्तान धौनी ने रहाणे का साथ दिया और चौथे विकेट लिए 70 रन जोड़े। यह जोड़ी भी विंडीज गेंदबाजों की नपी तुली लाइन लैंथ के कारण खुलकर नहीं खेल सकी और 16 ओवरों में 4.37 की औसत से ही रन जोड़ पाई।
रहाणे शतक की ओर बढ़ रहे थे और विकेट पर जमने के बाद उन्होंने तेजी से रन बनाने की कोशिश भी की, लेकिन बिशू ने सीमा रेखा पर उनका शानदार कैच पकड़ भारत को चौथा झटका दिया।
रहाणे के बाद केदार जाधव ने धौनी के साथ मिलकर रन गति को तेज किया। शुरूआत में दोनों ने विकेट के बीच दौड़ से तेजी से रन बटोरे। इसके बाद धौनी ने अंत में कुछ अच्छे हाथ दिखाए जिसमें जाधव ने भी उनका अच्छा साथ दिया।
भारत ने शुरू के 40 ओवरों में सिर्फ 151 रन जोड़े, लेकिन अंत के 10 ओवरों में वह 100 रन जोड़ सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रही।
विंडीज की तरफ से बिशू ने कोटे के अपने 10 ओवरों में 38 रन दिए और एक विकेट लिया। वहीं एशले नर्स ने 10 ओवरों में 34 रन दिएए लेकिन सफलता उनके हिस्से नहीं आई।
मिग्युएल कमिस ने अपने कोट के पूरे ओवर डाले और 56 रन देकर दो विकेट लिए। कप्तान जेसन होल्डर ने 53 रन देकर एक विकेट लिया।