आधीरात से जीएसटी लागू, राष्ट्रपति और पीएम ने किया आगाज़
आजादी के बाद के सबसे बड़े कर सुधार के रूप में है जीएसटी
नई दिल्ली| संसद के केंद्रीय सभागार में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही शुक्रवार की मध्यरात्रि एक साथ बटन दबाकर वस्तु एवं सेवा कर (जीसएसटी) को लागू किया, उसके बाद सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। संसद के केंद्रीय सभागार में मौजूद सांसदों ने डेस्क थपथपाकर इसका जश्न मनाया।
देश में आजादी के बाद के सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी के लागू होने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्यों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाकर एवं गले मिलकर बधाइयां दीं।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, “यह ऐतिहासिक दिन है। इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसका सभी ने समर्थन किया।”
बीजू जनत दल के सांसद भर्तृहरि महताब ने कहा कि जीएसटी पूरी प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है। सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस जैसी पार्टियां, जिन्होंने इस समारोह में हिस्सा नहीं लिया। वह सिर्फ विपक्षी दल होने के नाते इसका विरोध कर रहा है।
इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह और हेमामालिनी भी मौजूद थीं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी प्रमुख अमित शाह संसद में पहली दीर्घा में बैठे थे। पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री के.एम.मणी भी मौजूद थे।
उद्योगपतियों में रतन टाटा और जीएसटी के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद रहे। वर्ष 2003 में जीएसटी की अवधारणा पेश करने वाले विजय केलकर भी मौजूद थे।