तकनीकी

अब भारी बैटरी को कहे बाय-बाय

वैज्ञानिकों ने अब नैनो तकनीक की मदद से ऐसी बैटरी बनाने का दावा किया है जिसे ऊर्जा के भंडारण के तौर पर आसानी से रुपये की तरह पर्स में संभाल कर रखा जा सकेगा। अमेरिका के कैर्लिफोनिया स्थित स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कागज की बनी बैटरी का सफल प्रयोग किया है।

प्रयोग के बाद उनका दावा है कि इस बैटरी से कम वोल्टेज वाले उपकरण जैसे मोबाइल, कैलकुलेटर या हेडफोन को आसानी से चार्ज किया जा सकता है। शोधकर्ता अब इस बैटरी की क्षमता बढ़ाने पर लगातार प्रयास कर रहे हैं।

कागज की इस बैटरी को ऊर्जा के भंडारण के लिए एक विशेष रसायन से तैयार इंक में डुबोया जाता है। इंक में डुबोते ही उसमें मौजूद ऊर्जा कागज में समाहित हो जाती है। कागज के सूखते ही उसे छोटी सी जगह पर आसानी से संभाल कर रखा जा सकता है।

इसके बाद जब इलेक्लेक्ट्रॉनिक गैजेट की बैटरी चार्ज करने की जरूरत हो तो उसके सॉकेट से कागज को कनेक्ट कर ऊर्जा को ट्रांसफर की जा सकती है।

यह है खास खूबियां –

दीवार पर पेंट करें बैटरी
शोधकर्ता का यह भी दावा है कि इस विशेष इंक को भविष्य में आसानी से दीवार पर भी पेंट करा सकते हैं। इस तरह के पेंट की वजह से यह ऊर्जा का सटीक भंडारण साबित हो सकता है। खास बात यह है कि यह रसायन लीथियम आयन बैटरी की तीर्वता का मुकाबले करने में भी सक्षम है।
यह नैनो पदार्थ आदर्श कंडक्टर भी साबित हो सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक रसायन से बनी यह बैटरी एक से दो वर्ष तक आसानी से कार्य करने में सक्षम है।
सिलवर और कार्बन का इस्तेमाल
शोधकर्ता यी क्यूई के अनुसार उन्होंने नैनो तकनीक के आधार पर चांदी और कार्बन के तत्वों का उपयोग किया है। इसमें चांदी के नैनोवायर और कार्बन के नैनोट्यूब से बैटरी के ऊर्जा निर्माण और संचालन की प्रक्रिया तैयार की है। नैनो तकनीक की मदद से इसे एक इंक के रूप में विकसित किया गया है।

उन्होंने दावा किया कि यह नैनो पदार्थ एक आयामी है और आकार में बहुत छोटा है। अपने छोटे डायमीटर की वजह से यह नैनो इंक कागज पर मजबूती से पकड़ बना लेती है। इस तरह से यह टिकाऊ बैटरी बन जाती है। यही टिकाउपन इसे भविष्य में सफल बना सकता है।

भाविष्य में न खराब होने वाली बैटरी
हर बैटरी की अपनी एक लाइफ होती है। इस्तेमाल के दौरान बैटरी के खराब होने की समस्या का भी समाधान अब वैज्ञानिक तलाश रहे हैं। नैनो तकनीक की मदद से यूनिवर्सिटी ऑफ कैर्लिफोनिया के ही वैज्ञानिक रेग्नॉल्ड पैनर एक ऐसी बैटरी बना रहे हैं जो कभी खराब न होगी।

इसके लिए वे बैटरी के रसायनिक तत्वों को छोटे आकार में तैयार कर उसकी मात्रा में बढ़ोत्तरी करने का प्रयास रहे हैं। शोधकर्ता रेग्नॉल्ड पैनर के अनुसार उनकी कभी न खराब होने वाली बैटरी का पहला प्रयोग सफल हो गया है। जल्द ही यह बैटरी स्मार्टफोन की लाइफ बढ़ाने में मददगार साबित हो सकेगी।

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