भारतीय पासपोर्ट 2 भाषाओं में होंगे : सुषमा
नई दिल्ली | सभी भारतीय पासपोर्ट अब दो भाषाओं यानी हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में होंगे और आठ साल से कम तथा 60 साल से ऊपर के आवेदकों को आवेदन शुल्क में 10 फीसदी छूट मिलेगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा, “अब से, सभी भारतीय पासपोर्ट हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होंगे। हमने नासिक स्थित प्रिटिंग प्रेस को इन दोनों भाषाओं में पासपोर्ट छापने के लिए कहा है।”
पासपोर्ट अधिनियम के 50 साल होने के मौके पर वह एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि रूस तथा जर्मनी जैसे देशों के पासपोर्ट उनकी भाषाओं में होते हैं। सुषमा ने कहा, “हमें अक्सर शिकायतें मिलती थीं कि हमारे पासपोर्ट केवल अंग्रेजी में ही क्यों होते हैं। जब सभी अरब देशों के पासपोर्ट अरबी में और जर्मनी तथा रूस के पासपोर्ट उनकी भाषाओं में होते हैं, तो हमारा पासपोर्ट हिंदी में क्यों नहीं हो सकता।”
उन्होंने कहा कि बुजुर्गो के पासपोर्ट के आवेदनों की संख्या बढ़ रही है, जो विदेशों में पढ़ने वाले या काम करने वाले अपने बच्चों या रिश्तेदारों से मिलने जाना चाहते हैं। सुषमा तथा संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने पासपोर्ट अधिनियम के 50 साल पूरे होने के मौके पर एक डाक टिकट जारी किया। पासपोर्ट अधिनियम 24 जून, 1967 को अस्तित्व में आया था।
सुषमा ने कहा कि पासपोर्ट सेवाओं का विस्तार करने को लेकर मुख्य डाकघर को डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उनका मंत्रालय सिन्हा के मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हमने दो चरणों (पहले चरण में 86, जबकि दूसरे चरण में 149) में 235 पीओपीएसके की स्थापना करने का फैसला किया है। यह संतोषजनक है कि पहले चरण के तहत चिन्हित 52 पीओपीएसके पहले ही काम करना शुरू कर चुके हैं।” सिन्हा ने कहा कि आवेदक पासपोर्ट पाने को लेकर औपचारिकताएं पूरी करने के लिए नियमित पासपोर्ट सेवा केंद्र की जगह पीओपीएसके जा सकते हैं।