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महिला विश्व कप: 2005 की कसर पूरा करने उतरेगी भारतीय टीम

डर्बी | महिला क्रिकेट विश्व कप के 10 संस्सकरणों में से केवल 2005 में आयोजित टूर्नामेंट में ही भारतीय महिला टीम फाइनल तक का रास्ता तय करने में सफल हुई थी, लेकिन खिताबी मैच में उसे छब बार टूर्नामेंट जीत चुकी आस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। उस समय भी टीम की कमान मिताली राज के हाथों में थी और इस बार भी वहीं नेतृत्व कर रही हैं। ऐसे में कप्तान मिताली और टीम का लक्ष्य 2005 में खिताबी जीत हासिल करने में रह गई कसर को पूरा करना होगा।

भारतीय टीम का पहला मैच 24 जून को इंग्लैंड के साथ होगा। इंग्लैंड इस खिताब पर तीन बार कब्जा जमा चुकी है और इसके अलावा, उसे मेजबान टीम होने के नाते घरेलू परिस्थितियों का लाभ मिलाना तय है। हालांकि, भारत के मौजूद फॉर्म को देखते हुए मेजबान आराम से नहीं बैठ सकता।

मिताली की टीम इस समय शानदार फॉर्म में है। उसने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में हुई में चतुष्कोणिया सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इससे पहले उसने विश्व कप के क्वालीफायर टूर्नामेंट में जीत हासिल की थी।

पाकिस्तान के साथ वनडे सीरीज खेलने से मना करने के कारण अंकों की कमी के चलते भारतीय टीम को क्वालीफायर टूर्नामेंट खेलना पड़ा। मिताली को 2005 के फाइनल की हार अब भी चुभती होगी। इस बार वह उस अधूरे ख्वाब को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। टीम की बल्लेबाजी की मिताली रीढ़ हैं। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंथाना, वेदा कृष्णामूर्ति के रूप में अच्छी बल्लेबाज हैं।

भारतीय टीम की सभी बल्लेबाजों के लिए इंग्लैंड की परिस्थित परीक्षा साबित होगी। ऐसे में मिताली का अनुभव टीम के बेहद काम आएगा। उनके अलावा झूलन गोस्वामी भी 2005 विश्व कप में टीम के साथ थी। महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली झूलन का भी अनुभव टीम के लिए उपयोगी है।

घरेलू दर्शकों के सामने सबसे बड़े टूर्नामेंट का दबाव इंग्लैंड पर बेशक होगा। मैच में वह कैसे इससे निपटती है, यह देखना दिलचस्प होगा। एक चीज जो इंग्लैंड को मानसिक बढ़त दे सकती है वो ये की इससे पहले उसने दो बार विश्व कप की मेजबानी की है और दोनों बार ही खिताब जीता है।

तीसरी बार भी वह यही करना चाहेगी। इंग्लैंड ने अपनी आखिरी वनडे सीरीज 2016 नवंबर में श्रीलंका के खिलाफ खेली, जिसमें उसे जीत मिली थी। इसी जीत के साथ वह विश्व कप में सीधे क्वालीफाई कर गई थी। उसके लिए एक अच्छी खबर यह है कि साराह टेलर एक साल के ब्रेक के बाद लौट आई हैं, जो बल्लेबाजी को मजबूती देंगी।

हीथर नाइट पहली बार विश्व कप में टीम की कमान संभाल रही हैं। लेकिन उनके पास एक ऐसी टीम है जो बेहद मजबूत है। भारत को यह टीम कमतर आंकने की गलती नहीं करेगी और पूरी तैयारी के साथ विश्व कप का आगाज जीत के साथ करना चाहेगी।

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