जिमनास्ट दीपा करमाकर की नजर 2020 ओलम्पिक खेलों पर
नई दिल्ली | घुटने की चोट से उबरने के बाद दीपा करमाकर ने अब पूरा ध्यान अब 2020 में होने वाले टोक्यो ओलम्पिक पर लगा दिया है। इस क्रम में उनका लक्ष्य अगले साल आयोजित होने वाले एशियाई खेलों पर है।
वर्तमान में दीपा अपने घुटने की चोट के लिए रिहेबिलिटेशन में हैं। उन्हें इस साल अप्रैल में प्रशिक्षण सत्र के दौरान चोट लगी थी। उन्होंने फिर से चलना-फिरना शुरू कर दिया है, लेकिन छह माह के रिहेबिलिटेशन को पूरा किए बगैर वह प्रशिक्षण शुरू नहीं कर सकतीं।
पिछले साल रियो ओलम्पिक में प्रतिस्पर्धा के बाद से दीपा खेल जगत से बाहर हैं और वह इस साल की शुरुआत में एशियाई चैम्पियनशिप में भी हिस्सा नहीं ले पाई थीं। घुटने की चोट के कारण वह विश्व चैम्पियनशिप से भी बाहर रहेंगी, जिसका आयोजन अक्टूबर में कनाडा में होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल रियो ओलम्पिक में प्रतिस्पर्धा कर दीपा ने एक इतिहास कायम किया था। वह 52 साल बाद जिमनास्ट में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली भारतीय बनीं। रियो ओलम्पिक में दीपा के शानदार प्रदर्शन को देखने के बाद कई युवाओं में जिमनास्ट खेल के प्रति रुचि बढ़ी है। दीपा इस बात से काफी खुश हैं कि जिमनास्ट खेल की अगली पीढ़ी उन्हें देख कर प्रेरणा ले रही है।
भारतीय जिमनास्ट दीपा ने कहा, “पूरे देश में जिमनास्ट के स्टेडियम अब भर गए हैं। मैंने युवा पीढ़ी को प्रेरणा दी है और इससे मैं बहुत खुश हूं। जब हम इस स्थिति में होते हैं, तो ओलम्पिक खेलों में क्वालीफाई करने के बारे में सोचते हैं।” दीपा के कोच बिश्वेश्वर नंदी को भरोसा है कि उनकी शिष्या एक बार फिर अपनी बेहतरीन फॉर्म में लौटेंगी। टाटा-टी के एक समारोह में शामिल दीपा और उनके कोच ने संवादादाताओं से बात की।
कोच से जब दीपा की वापसी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हम दीपा को विश्व चैम्पियनशिप में ले जा सकते थे, लेकिन हम उन्हें जीतते हुए देखना चाहते हैं और इस कारण उनकी स्थिति का विश्लेषण करने के बाद हमने यह फैसला किया कि वह इस टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह से फिट नहीं हैं। हम उन्हें एशियाई खेलों की तैयारी के लिए पूरा समय देना चाहते हैं।”