आरबीआई द्वारा सहकारी बैंकों से पुराने नोट स्वीकारने का श्रेय हमें मिले : शिवसेना
मुंबई| शिवसेना ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को स्वीकारने की अनुमति देने का श्रेय लेने का दावा किया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही यह मांग की थी और बाद में हमारे मंत्री दिवाकर राउते ने भी इसे उठाया।”
नोटबंदी के करीब आठ महीने बाद मंगलवार को मध्यरात्रि से ठीक पहले केंद्र ने आरबीआई को आदेश दिया कि 500 रुपये और 1000 रुपये के सभी पुराने नोट जो जिला सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के पास पड़े हैं, उन्हें स्वीकार किया जाए।
गौरतलब है कि मंगलवार की शाम शिवसेना द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के महज तीन घंटों बाद ही यह अधिसूचना जारी की गई।
नए आदेशों के मुताबिक, डीसीसीबी अगले 30 दिनों में आरबीआई के पास साल 2016 के 8 नवंबर को की गई नोटबंदी के बाद पांच दिनों तक इकट्ठा हुए पुराने नोटों को जमा करा सकते हैं।
डीसीसीबी को पिछले साल 14 नवंबर से पुराने नोटों को स्वीकार करने से रोक दिया गया था और राउते के मुताबिक, महाराष्ट्र में सहकारी बैंकों के अकेले सहकारी बैंकों के पास 2,271 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हैं, जिन्हें आरबीआई स्वीकार नहीं कर रहा था।
सरकार ने बैंकों और डाकघरों को भी अनुमति दी है कि साल 2016 के 30 नवंबर से पहले एकत्र किए ए पुराने नोट को निर्दिष्ट बैंक नोट (बैंक, पोस्ट ऑफिस और डीसीसीबी) नियमों, 2017 के तहत आरबीआई के पास जमा करा सकेंगे।