मप्र में 2 और किसानों ने दी जान, 9 दिन में 15 आत्महत्याएं
नरसिंहपुर | मध्यप्रदेश में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। मंगलवार को दो किसानों ने मौत को गले लगा लिया। नरसिंहपुर में एक बुजुर्ग किसान ने सल्फास खा लिया, तो खुद को आग लगाने वाले दूसरे किसान की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। राज्य में नौ दिनों में 15 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
पुलिस के अनुसार, नरसिंहपुर के धमना गांव के रहने वाले लक्ष्मी प्रसाद गुमास्ता (70) ने सल्फास खा लिया। उसे जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। कोतवाली थाना के प्रभारी अखिलेश दाहिया ने कहा कि किसान लक्ष्मी प्रसाद ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली है, लेकिन उसने ऐसा क्यों किया, यह अभी पता नहीं चला है।
लक्ष्मी प्रसाद के परिजनों का कहना है कि उस पर सात लाख का कर्ज था और तीन एकड़ क्षेत्र में लगी फसल भी आग लगने से जल गई थी। मुआवजे के लिए वह लगातार अफसरों से गुहार लगाता रहा, मगर उसे मुआवजा नहीं मिला। वह बहुत तनाव में रहता था।
उधर, होशंगाबाद जिले के देहात थाने के रंढाल गांव के रहने वाले किसान बाबूलाल (40) ने शुक्रवार सुबह खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली थी, उसे गंभीर हालत में भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसने सोमवार की देर रात दम तोड़ दिया।
देहात थाना क्षेत्र के प्रभारी राम स्नेही ने बताया कि बाबूलाल की उपचार के दौरान सोमवार देर रात मौत हो गई। बाबूलाल और उसके परिजनों ने जिन सूदखोरों पर परेशान करने का आरोप लगाया है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
राज्य में बीते नौ दिनों में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 15 हो गई है। एक से 10 जून तक चले किसान आंदोलन के दौरान छह जून को पुलिस की गोली से पांच और पिटाई से एक किसान की मौत हुई थी।