आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी : भारत
बीजिंग| पाकिस्तान का नाम लिए बिना भारत ने यहां सोमवार को कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच कोई अंतर नहीं है और उसने ब्रिक्स के सदस्य देशों से गुजारिश की कि आंतकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए कदम उठाएं। चीन ने कहा कि वह भी ‘आतंकवाद का शिकार’ है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भाग ले रहा है।
लेकिन चीन संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी सरगना को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को बार-बार खारिज किया है। भारत इस आतंकवादी को पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड मानता है, जबकि चीन का कहना है कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने आतंकवाद पर भारत की बढ़ती चिंताओं को व्यक्त किया और ‘खतरे’ से निपटने के लिए ‘ठोस’ प्रयास करने की मांग की।
सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारत की तरफ से मैंने कहा कि आतंकवाद सबसे शक्तिशाली वैश्विक संकट बना हुआ है, जिससे वैश्विक शांति को खतरा है और आतंकवादियों को अच्छे और बुरे के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा, “वे आतंकवादी हैं, वे अपराधी हैं और हमें स्थानीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”
सिंह ने कहा, “हर कोई मानता है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हर कोई अपने विभिन्न रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के प्रसार के बारे में पूरी तरह से चिंतित है।”
उन्होंने कहा, “ब्रिक्स देशों के बीच एक सर्वसम्मति है कि सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की जाए और सहयोग के लिए कई कदम उठाए जाएं, ताकि आतंकवाद किसी भी तरह से और न फैले और किसी को नुकसान न पहुंचाए।”
इस मौके पर चीन के वांग यी, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री मैटे नकोना-मशाबाने और ब्राजील के विदेश मंत्री अलॉयसियो नूनी मौजूद थे।
वांग ने कहा कि चीन आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है। चीन भी आतंक का शिकार है और चीन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक पहलों में भाग ले रहा है। आज हमारे सभी सहकर्मियों के साथ जिसमें भारत भी शामिल है, चीन एक ही स्थिति को साझा करता है।”