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शिवसेना ने बढ़ाई राष्ट्रपति पर भाजपा की मुश्किल

मुंबई | शिवसेना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की अपनी मांग की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा अनदेखी के बाद शनिवार को सर्वोच्च पद के लिए कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन के नाम की वकालत की। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने साथ ही यह भी कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष के पास बढ़िया उम्मीदवार है, तो उनकी पार्टी उस पर विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी की इच्छा एक सर्वसम्मत उम्मीदवार की है, जिसे बिना चुनाव के निर्वाचित किया जाए। ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, “अगर हम भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तो भागवत हमारी पहली पसंद हैं। लेकिन अगर किसी को उन पर आपत्ति है, तो स्वामीनाथन को राष्ट्रपति बना देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हम कृषि प्रधान देश के रूप में जाने जाते हैं और इसलिए यह उपयुक्त है कि हमारे पास स्वामीनाथन जैसे व्यक्ति हों।” इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मांग की थी कि अगर भाजपा भागवत के नाम पर राजी नहीं है, तो राष्ट्रपति पद के लिए स्वामीनाथन के नाम पर विचार करना चाहिए।

शिवसेना का यह बयान अमित शाह-उद्धव ठाकरे के बीच बैठक से मात्र 48 घंटे पहले आया है, जो शनिवार को होनी है। राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर समर्थन को लेकर यह बैठक होनी है। स्वामीनाथन को सन् 1967 में पद्मश्री, सन् 1972 में पद्म भूषण तथा सन् 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

उन्हें सन् 1960 की ‘हरित क्रांति का जनक’ माना जाता है, जिसने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश को खाद्य पदार्थो के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया। वर्तमान में वह चेन्नई के एम.एस.स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के एमेरिटस चेयरमैन हैं, जिसकी स्थापना सन् 1987 में हुई थी।

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